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वाहन चेकिंग के दौरान आप भी निभाईए जिम्मेवार नागरिक का फर्ज और जरूर पूछिए सवाल
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फोटो क्लिक करते समय बेगूसराय पुलिस की एक और लापरवाही आई सामने
समाचार विचार/बेगूसराय: अगर आप बेगूसराय की सड़कों पर दो पहिया वाहनों की सवारी करते हैं तो आदर्श आचार संहिता के मद्देनजर कदम कदम पर वाहन चेकिंग करने वाले पुलिसकर्मियों से रोज आपका सामना होता ही होगा तो चौंकिए मत। इस दौरान आप बाइक को बगल में लगाईए फिर अपने मोबाइल से पुलिस की गाड़ी के नंबर प्लेट की फोटो खींचीए। उसके बाद उस इमेज को एम परिवहन एप पर अपलोड कर उक्त वाहन की पूरी जानकारी लीजिए। अगर पुलिस की वाहन का इंश्योरेंस फेल है या अन्य कोई चूक सामने आए तो बेहिचक मौजूद ऑफिसर को टोकिए और पूछिए कि सोशल मीडिया के इस दौर में आप यह ड्रामा क्यों कर रहे हैं? स्वाभाविक है कि वह ऑफिसर आप पर उग्र होगा तो आप उस पर उग्र मत होइए। अपने सिर पर रखे हेलमेट की ओर इशारा करते हुए उसे पहले अपने वाहन के सारे दुरुस्त कागज दिखाईए। उसके बाद बिहार पुलिस, गृह मंत्रालय और भारत निर्वाचन आयोग के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर डिटेल को अपलोड कर उसको उसकी लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना हरकत का आइना दिखाईए और सजग नागरिक होने का फर्ज निभाईए। आप तानाशाही नहीं बल्कि लोकतांत्रिक देश के जिम्मेवार नागरिक हैं।
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खुद की इंश्योरेंस फेल जिप्सी से पब्लिक के वाहन की चेकिंग कर रही है बेगूसराय पुलिस
ये बिहार है इसलिए खबर की हेडिंग से चौंकने की कोई जरूरत नहीं है। बेगूसराय पुलिस खुद की इंश्योरेंस फेल जिप्सी से पब्लिक के वाहन की चेकिंग कर रही है। इसका खुलासा तब हुआ जब हमने डंडारी थाना की पुलिस जिप्सी संख्या BRO9PA-3653 का डिटेल जानना चाहा। 30 मई 2019 को रजिस्टर्ड इस वाहन का इंश्योरेंस वर्ष 2020 में ही स्वर्ग सिधार चुका है और पिछले चार वर्षों से यह पुलिसिया धौंस जमाते हुए सड़कों पर फर्राटे भर रही है। इस दौरान कितने एसएचओ आए और गए लेकिन दूसरों को कानून का पाठ पढ़ाने वाले इनलोगों ने अपनी गिरेबान में झांकना मुनासिब नहीं समझा।
फोटो क्लिक करते समय बेगूसराय पुलिस की एक और लापरवाही आई सामने
बिहार पुलिस अपने हथियारों की सुरक्षा के प्रति कितनी जिम्मेवार है, इसका सहज ही अंदाजा इस तस्वीर को देखकर लगाया जा सकता है। अनेकों दफे पुलिस के हथियारों के गायब होने की खबरें सुर्खियां बटोरती रही हैं, फिर भी इनकी लापरवाही यथावत है। आप देख सकते हैं कि पुलिस का दो रायफल जिप्सी की सीट पर यूं ही रखा हुआ है और इसके धारक पुलिसकर्मी वाहन से दूर हटकर गप्पे मारने में तल्लीन हैं। जरा सोचिए कि अगर कोई बाइक सवार बदमाश मौके की नजाकत का फायदा उठाकर दोनों रायफल को लेकर उड़न छू हो जाता तो क्या होता? क्या ये तोंद धारी पुलिसकर्मी उसे तत्क्षण दबोच पाने में कामयाब हो पाते? दरअसल, पुलिस की कार्यशैली, उसका सारा सिस्टम सब कुछ भगवान भरोसे चल रहा है। आम लोगों पर रौब दिखाकर भयादोहन करने वाले ऐसे पुलिसकर्मियों के कारनामों की वजह से ही बिहार पुलिस की छवि सुधर नहीं पा रही है।
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Author: समाचार विचार
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