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अग्निपरीक्षा: क्या अपनी कुर्सी बचा पाने में सफल रहेंगी साहेबपुरकमाल प्रमुख अनीता राय?

  • एक तिहाई पंचायत समिति सदस्यों ने दिया अविश्वास प्रस्ताव लगाने का आवेदन

  • अविश्वास प्रस्ताव लगाने में प्रत्यक्ष रूप से दो और अप्रत्यक्ष रूप से एक पंसस हैं उपप्रमुख के दावेदार

  • पहले भी प्रमुख और बीपीआरओ के खिलाफ पंसस ने खोला था मोर्चा

अग्निपरीक्षा

समाचार विचार/बेगूसराय: प्रखंड के कुल तेईस पंचायत समिति सदस्यों में से एक तिहाई पंससों के द्वारा प्रखंड प्रमुख अनीता राय और उपप्रमुख के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लगाने का आवेदन सौंपे जाने के बाद साहेबपुरकमाल प्रखंड का राजनीतिक तापमान बढ़ गया है। कार्यपालक पदाधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी और प्रमुख को सौंपे गए आवेदन में पंससों ने प्रमुख और उपप्रमुख पर नियम के विरुद्ध मनमाने ढंग से कार्य करने का आरोप लगाया है। हैरत की बात तो यह है कि अविश्वास लगाने में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने वाले अप्रत्यक्ष रूप से एक और प्रत्यक्ष रूप से दो पंसस उपप्रमुख के दावेदार भी हैं। क्षेत्र की राजनीति का नब्ज टटोलने में महारथ हासिल रखने वाले विश्लेषकों ने समाचार विचार को बताया कि इस बार मामला काफी रोचक और चर्चित साबित होगा, जिसका साहेबपुरकमाल की राजनीति पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा।
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  • एक तिहाई पंचायत समिति सदस्यों ने दिया अविश्वास प्रस्ताव लगाने का आवेदन
गौरतलब हो कि साहेबपुरकमाल प्रखंड में कुल तेईस पंचायत समिति सदस्य हैं, जिनमें से एक तिहाई सदस्यों ने प्रमुख और कार्यपालक पदाधिकारी को सौंपे गए आवेदन में प्रमुख और उपप्रमुख के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लगाने का प्रस्ताव दिया है। आवेदन में सदस्यों ने बताया है कि वे लोग वर्ष 2021 में निर्वाचित पंसस हैं। प्रखंड के प्रमुख स्वयं तथा उपप्रमुख के द्वारा नियम के विरुद्ध मनमाने ढंग से कार्य करते हैं। विशेष बैठक बुलाने की बात तो दूर, इनकी स्वेच्छाचारिता का आलम यह है कि ये समय पर साधारण बैठक भी बुलाना मुनासिब नहीं समझते हैं तथा योजनाओं के बंटवारे में भी भेदभाव करते हैं। अग्निपरीक्षा: क्या अपनी कुर्सी बचा पाने में सफल रहेंगी साहेबपुरकमाल प्रमुख अनीता राय?
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  • पहले भी प्रमुख और बीपीआरओ के खिलाफ पंसस ने खोला था मोर्चा
नियमों की अनदेखी और विकास योजनाओं के आवंटन में भेदभाव करना कोई नई बात नहीं है। इसी से परेशान होकर सनहा पश्चिम पंचायत के पंसस पुष्प कुमार पासवान ने प्रखंड प्रमुख और बीपीआरओ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। पंसस श्री पासवान ने इस संबंध में बीडीओ को आवेदन देकर कार्रवाई की भी मांग की थी। पंसस के इस कदम को प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी माना जा रहा था। बीडीओ को दिये आवेदन में श्री पासवान ने कहा था कि मैं अनुसूचित जाति क्षेत्र का पंचायत समिति सदस्य हुं। प्रमुख और बीपीआरओ के घालमेल से साजिश के तहत उनके क्षेत्र के एक भी विकास योजनाओं का आज तक स्वीकृति नहीं मिला है। इस संबंध में कई बार बैठक में प्रमुख और प्रखंड पंचायती राज अधिकारी से शिकायत की लेकिन अनसुना कर दिया गया। जिस वजह से मैं उपेक्षित और मानसिक प्रताड़ना झेल रहा हूं। पंसस श्री पासवान ने यह आरोप भी लगाया था कि नियमों की अनदेखी कर घपलेबाजी की नियत से बीपीआरओ ने योजनाओं के नाम पर 17 नवंबर 023 से ही गलत तरीके के भुगतान की निकासी की जा रही है। इस राशि को वापस कराने की भी भी मांग की गई थी। इसी तरह बीपीआरओ ने योजनाओं का अभिलेख एवं भुगतान से संबंधित कार्यों का निष्पादन अनाधिकृत व्यक्तियों से कराया था। जानकारी के मुताबिक सरकारी संस्थानों में वित्तीय मामले का निष्पादन हाकिम के अलावे प्रधान लिपिक और नाजीर का दस्तखत अनिवार्य है। इसकी भी जांच महत्तवपूर्ण है। आवेदक ने उक्त पंचायत के वार्ड संख्या 4 स्थित काशीनाथ अनिल महतों के घर के दक्षिण बांध के बगल में सीढ़ी घाट के निर्माण की मांग की थी। साथ ही आवेदन के आलोक में कृत कार्रवाई से अवगत कराने का भी आग्रह किया था। अब मौजूदा राजनीतिक हालात में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या प्रखंड प्रमुख अनीता राय अपनी कुर्सी बचा पाने में सफल हो पाती हैं या नहीं!

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