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तेघड़ा के मिनी मास्को की जड़ों को सींचने वाले बेगूसराय के चर्चित भाकपा नेता प्रदीप राय के निधन से शोक की लहर
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शोकाकुल हुए जिले के कम्युनिस्ट पार्टी के नेता और कार्यकर्ता
समाचार विचार/अशोक कुमार ठाकुर/तेघड़ा/बेगूसराय: आज मिनी मास्को की जड़ों को सींचने वाले एक क्रांतिकारी युगपुरुष और लाल सितारा अलविदा हो गए। तेघड़ा सहित बेगूसराय के चर्चित भाकपा नेता प्रदीप राय का निधन रविवार को उनके निवास स्थान गौरा दो मुसहरी में हो गया। वे 80 वर्ष के थे, जो लंबे समय से बीमार चल रहे थे। प्रदीप राय के निधन की खबर सुनते ही वामपंथियों और समाज में शोक की लहर जंगल की आग की तरह फैल गई। उनके निधन पर सभी सभी तबके के लोगों ने गहरा शोक व्यक्त किया है। निधन की सूचना मिलते ही उनके पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए तमाम राजनीतिक, गैर राजनीतिक, सामाजिक संगठन व बुद्धिजीवियों सहित हजारों की संख्या में लोग उनके निवास स्थान पर उमड़ पड़े।
अपनी जिजीविषा और संघर्षशील प्रवृति के लिए सदैव याद किए जाएंगे कॉमरेड प्रदीप राय
कामरेड प्रदीप राय ने ट्रेड यूनियन और मजदूर आंदोलन से लेकर मृत्यु पर्यंत किसानों और मजदूरों के हितों के लिये हमेशा संघर्षशील रहे। उन्होंने किसान व मजदूर आंदोलन में सक्रिय रहते हुए तेघड़ा प्रखंड ही नहीं बल्कि अगल-बगल के प्रखंड के गांव में संगठन बनाकर उनके हितों की लड़ाई लड़ी। 60 के दशक में बरौनी रिफाइनरी के ट्रेड यूनियन के नेता के रूप में इनका बड़ा योगदान रहा, जहां उन्होंने मजदूरों के हक हुकूमत की लड़ाई लड़ते हुए उन्हें उचित सम्मान दिलाने में कामयाब रहे। उसके बाद उनका झुकाव वामपंथ की ओर हुआ। वे सन् 1960-70 के दशक में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का तेघड़ा प्रखंड एवं जिला स्तर पर नेतृत्व किया। साथ ही वे राज्य परिषद के सदस्य भी रहे और दो बार तेघड़ा अंचल मंत्री के रूप में पार्टी को सशक्त करने में उनकी अहम भूमिका रही। उनके द्वारा चलाए गए मजदूर और किसान संघर्ष के कारण आज मजदूरों को वाजिब हक, हजारों बटाईदार और गरीब जमीन पर काबिज हैं। कॉमरेड सदैव विभिन्न दलों का समन्वय बनाकर किसान, मजदूर, छात्र, नौजवान व कर्मचारियों के हक हकूक लिए संघर्ष करते रहे। प्रथम पंचायती राज स्थापित होने पर पंचायत गौरा 2 के मुखिया पद पर रह कर पंचायत के लोगों की सेवा की। फिर पंचायत समिति सदस्य के पद को सुशोभित किया कामरेड प्रदीप राय की ईमानदारी पूर्ण संघर्ष ने अपने साथ एक युग लेते चले गए।
शोकाकुल हुए जिले के कम्युनिस्ट पार्टी के नेता और कार्यकर्ता
वे राष्ट्रीय स्तर से लेकर जिला स्तर तक नेता और कार्यकर्ताओं में लोकप्रिय रहे। देश में कोई भी ऐसा वामपंथी और समाजवादी नेता नहीं थे जिनका संपर्क कामरेड से ना रहा हो। वे मजदूर आंदोलन के चर्चित अग्रणी नेता के रूप में प्रसिद्ध थे। आंदोलन के दौरान कई बार जेल भी गए। कॉमरेड प्रदीप राय के निधन पर उनके अंतिम दर्शन को पहुंचे विधायक राम रतन सिंह, पूर्व विधायक ललन कुंवर, किसान नेता दिनेश सिंह, राज्य परिषद सदस्य सनातन सिंह, चंद्रभूषण सिंह उर्फ जुलम, भाजपा नेता केशव शांडिल्य, जदयू नेता सह जिला परिषद शिवचंद्र महतो, लोजपा नेता बैजनाथ महाराज, मुखिया पंकज पासवान, पूर्व मुखिया अशोक सिंह, सरपंच सियाराम रजक, पूर्व उप मुखिया गिरीश राय, भाकपा नेता कंचन किशोर, भाजपा अंचल कार्यालय सचिव रविंद्र कुमार, नौजवान संघ के प्रदीप कुमार चिंटू, पूर्व मुखिया भोला सिंह के अलावे सैकड़ो लोगों ने अश्रुपूरित नेत्रों से पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि निवेदित की। पूर्व सांसद शत्रुघ्न सिंह ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि मैं काफी मर्माहत हुं। उनसे मेरे व्यक्तिगत रिश्ते थे। वे पूरी जिंदगी गरीबों की लड़ाई लड़ते रहे और लड़ते लड़ते इस दुनिया को अलविदा कह गए। हम सबको गहरा सदमा लगा है। पूरा कम्युनिस्ट पार्टी परिवार शोकाकुल है। ये अपने पीछे पत्नी सहित दो पुत्र प्रभात कुमार और कुमुद कुमार, पुत्रवधू आंगनबाड़ी सेविका बेबी कुमारी एवं पंचायत समिति सदस्या निशा कुमारी को छोड़कर चले गए।
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Author: समाचार विचार
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