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शिक्षक नेता मनीष कुमार सिंह ने स्टेशन रोड में चलाया जागरूकता अभियान
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दुकानदारों से सड़क पर कचड़ा नहीं फेंकने का किया अनुरोध
समाचार विचार/खगड़िया: स्वच्छ सड़क, अनुशासित नागरिक और स्थानीय लोगों का कुशल व्यवहार ही किसी आदर्श शहर को आंकने का पैमाना होता है। सूबे के विभिन्न जिलों और देश विदेश से आने वाले लोगों के जेहन में संबंधित शहर की छवि वर्षों तक जिंदा रहती है। अब यहां के जिम्मेदार नागरिकों को यह तय करना है कि हम अपनी छवि की अमिट छाप छोड़ने में किस हद तक कामयाब हो पाते हैं। उपरोक्त बातें शिक्षक नेता मनीष कुमार सिंह ने शहर के स्टेशन रोड में स्वच्छता के प्रति चलाए गए जागरूकता अभियान को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि सबों के सहयोग से ही खगड़िया शहर की खूबसूरती निखरेगी और एक स्वच्छ और स्वस्थ समाज के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा।
दुकानदारों से सड़क पर कचरा नहीं फेंकने का किया अनुरोध
शिक्षक नेता मनीष कुमार सिंह ने स्थाई और फुटपाथ के दुकानदारों से व्यक्तिगत रूप से संवाद किया और उनसे सड़क पर कचरा नहीं फेंकने का अनुरोध किया। उन्होंने नगर परिषद के स्वच्छता कर्मियों के द्वारा नाला उड़ाही के कार्य की ओर इंगित करते हुए कहा कि अपशिष्ट वस्तुओं को नाला में फेंकने की प्रवृति का खामियाजा इन कर्मियों को भुगतना पड़ता है। नाला का जल प्रवाह अवरुद्ध तो होता ही है, साथ ही साफ सफाई का कार्य भी दुष्कर हो जाता है। स्थानीय दुकानदारों ने उनके इस पहल का स्वागत करते हुए सड़क और नालों में कचरा नहीं फेंकने का संकल्प दोहराया। शिक्षक नेता श्री सिंह ने इस दौरान नगर परिषद के द्वारा किए जा रहे जनहित के कार्यों का फीडबैक भी लिया और सबों की सहभागिता से शहर को सुंदर और स्वच्छ बनाने की भी अपील की।
स्वच्छता सर्वेक्षण में खुलते रहे हैं नगर परिषद के दावों के पोल
पिछले कुछ वर्षों के आंकड़ों पर गौर करें तो स्वच्छता सर्वेक्षण में अब तक खगड़िया नगर परिषद के दावों के पोल खुलते ही रहे हैं लेकिन शहर को स्वच्छ बनाने की दिशा में सुनियोजित रणनीति का अभाव अभी भी दिख रहा है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में खगड़िया नगर परिषद ने सूबे में 7वां और देश में 65वां स्थान प्राप्त हुआ था जबकि 2021 के स्वच्छता सर्वेक्षण में इस शहर को देश में 587वां और बिहार में 30वां रैंक हासिल हुआ था। हैरत की बात तो यह है कि साफ सफाई को लेकर 4.5 करोड़ रुपए के बजट में सफाईकर्मियों को तकरीबन 23 लाख रुपए का मासिक भुगतान किया जाता है फिर भी शहर की सूरत नहीं निखर रही है। हालांकि, नगर परिषद के दावों पर यकीन करें तो उनके अनुसार शहर की स्थिति अब पूर्ववत नहीं रही है बल्कि स्वच्छता के मामले में उल्लेखनीय कार्य हो रहे हैं।
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Author: समाचार विचार
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