हो गया खुलासा: आखिरकार गिरिराज सिंह पर भारी पड़ गए शिवमोगा सांसद बी.वाई. राघवेंद्र

➡️शिवमोगा में ही शिफ्ट किया जाएगा बेगूसराय के कुसमहौत स्थित आईआईएमआर सेंटर

➡️जिलेवासियों की एक ही मांग: अविलंब स्थगन पत्र को सार्वजनिक करें गिरिराज सिंह

शिवमोगा

समाचार विचार/मनीष राज/बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय स्थित भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान (आईआईएमआर) के क्षेत्रीय स्टेशन को कर्नाटक के शिवमोगा (शिमोगा) में स्थानांतरित करने की केंद्रीय कृषि मंत्रालय की योजना ने भले ही पूर्वी राज्य में हलचल मचा दी हो, लेकिन इस पत्र के वायरल होने के बाद बेगूसराय में जनाक्रोश चरम पर है। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर यूजर्स इसे बेगूसराय सांसद गिरिराज सिंह की नाकामी बता रहे हैं। यूजर्स चिल्ला चिल्ला कर कह रहे हैं कि आखिरकार गिरिराज सिंह पर शिवमोगा के सांसद बी.वाई. राघवेंद्र भारी पड़ गए हैं। इस स्थिति में केंद्र सरकार भी असमंजस की स्थिति में नजर आ रही है। वह इसे वापस लेकर सांसद बी.वाई. राघवेंद्र के संसदीय क्षेत्र के लोगों को नाराज करने का जोखिम नहीं उठा सकती है। वहीं, दूसरी ओर बेगूसराय के लोगों की नाराजगी का आलम यह है कि आज ही भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की साहेबपुरकमाल अंचल परिषद के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने पूर्व प्रमुख मनोज कुमार के नेतृत्व में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का पुतला दहन कर विरोध दर्ज कराया है। इधर बेगूसराय के सांसद ने आज दोपहर में अपने फेसबुक पेज पर यह दावा किया है कि उन्होंने इस संबंध में 17 जनवरी को ही समुचित पहल कर दिया है लेकिन जिलेवासी इस मांग पर अड़े हुए हैं कि सांसद यथाशीघ्र स्थगन पत्र को सार्वजनिक कर हो रही फजीहत से बचें। इधर सोशल मीडिया पर 8 मार्च को बेगूसराय सांसद के द्वारा शिवराज सिंह चौहान को दिया गया पत्र भी खूब घूम रहा है।

2024 के दिसंबर माह में ही केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लिया था यह निर्णय
दरअसल यह निर्णय 2024 के दिसंबर माह में ही केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शिवमोगा से लोकसभा सदस्य बी.वाई. राघवेंद्र को लिखे गए पत्र के माध्यम से सामने आया था। 31 दिसंबर, 2024 को लिखा गया चौहान का पत्र राघवेंद्र द्वारा शिवमोगा में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) – आईआईएमआर क्षेत्रीय अनुसंधान स्टेशन स्थापित करने की मांग के संदर्भ में है। चौहान के पत्र में कहा गया है, “मैं आपकी चिंता की सराहना करता हूं और यह सूचित करते हुए गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि 15वें वित्त आयोग की अवधि (वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2025-26) के दौरान, बेगूसराय में आईआईएमआर, लुधियाना के क्षेत्रीय स्टेशन को शिवमोग्गा में स्थानांतरित करने की मंजूरी दी गई है…”। चौहान ने कहा, “मेरा मानना ​​है कि इससे मक्का के उत्पादन के साथ-साथ उत्पादकता में भी अधिकतम वृद्धि होगी और राज्य में कृषक समुदायों और अन्य हितधारकों को लाभ होगा।” यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब राज्य में मक्का की उत्पादकता में वृद्धि के लिए कई कदम उठाए गए हैं।

शिवमोगा

अभी बेगूसराय में चल रहा है आईआईएमआर, लुधियाना का रीजनल सेंटर
आईआईएमआर, लुधियाना का यह सेंटर रीजनल स्टेशन है, जो अभी बिहार के बेगूसराय में चल रहा है। उधर कर्नाटक कई साल से अपने लिए एक मक्का रिसर्च सेंटर की मांग कर रहा है। इसे देखते हुए केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने बेगूसराय के रीजनल स्टेशन को शिवमोगा में शिफ्ट करने की जानकारी दी है। इसके बारे में सालभर पहले कृषि मंत्रालय ने संसद में जानकारी दी थी। दरअसल, पिछले साल संसद सत्र के दौरान डॉ. प्रभा मल्लिकार्जुन ने कृषि मंत्रालय से मक्का रिसर्च सेंटर को लेकर एक जानकारी मांगी थी। खरगे ने सरकार से पूछा-क्या कर्नाटक में मक्का रिसर्च का कोई रीजनल स्टेशन खोलने की योजना है? अगर ऐसी योजना है तो क्या यह सेंटर दवनागेरे लोकसभा क्षेत्र में खोला जाएगा क्योंकि यह इलाका मक्के की खेती के लिए मशहूर है। इस क्षेत्र में सिंचित और असिंचित क्षेत्र दोनों में मक्का उगाया जाता है। सांसद प्रभा मल्लिकार्जुन ने कहा, इस लोकसभा क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर का अच्छा विकास हुआ है। रीजनल सेंटर खोलने के लिए सरकारी जमीन भी उपलब्ध है। सांसद के इस सवाल का जवाब कृषि और किसान कल्याण राज्यमंत्री भगीरथ चौधरी ने दिया। उन्होंने संसद में कहा, शिवमोगा में मक्का रिसर्च सेंटर लगाने की योजना है। उन्होंने कहा, 15वें वित्त आयोग अवधि (वित्त वर्ष 2021-22 से 2025-26) के दौरान आईआईएमआर, लुधियाना के बेगूसराय स्थित रीजनल स्टेशन को शिवमोगा में शिफ्ट करने की मंजूरी दी गई है। इसी तरह कर्नाटक में दो और सेंटरों के जरिये मक्का रिसर्च पर काम हो रहा है। ये दो सेंटर हैं-यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेस, धारवाड़ (UAS) और मंड्या स्थित यूएएस बैंगलोर। ये दोनों सेंटर कर्नाटक में मक्के की खेती को बढ़ावा दे रहे हैं। इसे लेकर पिछले साल दिसंबर में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी जानकारी दी थी। शिवमोगा के सांसद बीवाई राघवेंद्र को लिखे एक पत्र में शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि बेगूसराय स्थित आईआईएमआर सेंटर को शिवमोगा में शिफ्ट किया जाएगा। यह सेंटर आईसीएआर का ब्रांच होगा। कृषि मंत्री ने बताया कि इस सेंटर के बनने से कर्नाटक में मक्का उत्पादन की क्षमता बढ़ जाएगी। इस सेंटर की मदद से कर्नाटक में भरपूर मात्रा में मक्के का उत्पादन होगा, जिससे किसानों के साथ-साथ इससे जुड़े पेशे में लगे लोगों को लाभ मिलेगा।

शिवमोगा सांसद बी.वाई. राघवेंद्र ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर सरकार का जताया आभार
इधर शिवमोगा के सांसद बी.वाई. राघवेंद्र ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर कहा कि केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रीजनल सेंटर को बेगूसराय से शिवमोगा स्थानांतरित करने की विधिवत अनुमति प्रदान कर दी है। रीजनल सेंटर ऑफ आईआईएमआर का प्रधान कार्यालय लुधियाना अब कर्नाटक की मांग को स्वीकार करते हुए शिवमोगा के नवूले स्थित 45 एकड़ में फैले केलाड़ी शिवप्पा नायक यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड हॉर्टिकल्चर के परिसर में रीजनल सेंटर को स्थापित करेगी। शिवमोगा संसद ने पत्रकारों को बताया कि कर्नाटक में 50 लाख एकड़ से अधिक भूभाग पर मक्का की खेती होती है। पूरे भारत के कुल मक्का उत्पादन का 15 प्रतिशत उत्पादन केवल कर्नाटक में ही होता है। अनुकूल जलवायु और अन्य सहयोगी कारकों की वजह से शिवमोगा में रीजनल सेंटर की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

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