गरमाया स्थानांतरण का मुद्दा: साहेबपुरकमाल भाकपा अंचल परिषद ने किया केंद्रीय कृषि मंत्री का पुतला दहन

➡️मक्का अनुसंधान केंद्र को बेगूसराय से कर्नाटक स्थानांतरित करने से फूटा लोगों का गुस्सा

➡️आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने की स्थगन पत्र को सार्वजनिक करने की मांग

स्थानांतरण

समाचार विचार/साहेबपुरकमाल/बेगूसराय: बेगूसराय में मक्का अनुसंधान केंद्र के स्थानांतरण संबंधी पत्र वायरल होने के बाद इस मुद्दे पर सियासत तेज हो गई है। मंगलवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी अंचल परिषद साहेबपुरकमाल के द्वारा प्रखंड मुख्यालय में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का पुतला दहन किया गया। विदित हो कि 31 दिसंबर 2024 को जारी पत्र के अनुसार मक्का अनुसंधान केंद्र को बेगूसराय से कर्नाटक स्थानांतरित करने के विरोध में भाकपा कार्यकर्ताओं का गुस्सा परवान पर है। पुतला दहन के उपरांत सभा को संबोधित करते हुए अंचल सचिव सह पूर्व प्रमुख मनोज कुमार ने कहा कि यह कदम बिहार के विकास की भ्रूण हत्या करने जैसा गंभीर अपराध है। इसी आक्रोश में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह का पुतला दहन किया गया है। उन्होंने कहा कि उक्त पत्र के वायरल होने के बाद बेगूसराय के भाजपा नेताओं ने अगर इसे मिथ्या करार दिया है तो जिलेवासियों की यह मांग यह है कि अविलंब स्थगन पत्र को सार्वजनिक किया जाए। नहीं तो पब्लिक अब तक अपने आचरण के मुताबिक भाजपा को जुमलेबाज ही समझेगी।

हिंदू मुस्लिम के फेरा में बेगूसराय सांसद ने कर दिया है विकास का चीर हरण
अंचल सचिव सह पूर्व प्रमुख मनोज कुमार ने स्थानांतरण पर तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि संयुक्त मोर्चा की सरकार के तत्कालीन प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल, तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सांसद चतुरानंद मिश्रा, पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह एवं बेगूसराय के सांसद रामेंद्र कुमार के द्वारा बेगूसराय के कुस्महौत में 1997 में केंद्रीय कृषि मंत्री चतुरानंद मिश्रा के द्वारा शिलान्यास किया गया था। उन्होंने कहा कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह के अथक प्रयास से बिहार, उड़ीसा, बंगाल, असम राज्य के मक्का उत्पादक किसानों के हित में यह अनुसंधान केंद्र खोला गया था। लेकिन नरेंद्र मोदी और अमित शाह के सहकर्मी मंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा इसे कर्नाटक स्थानांतरित किया गया, जिससे जिलेवासियों में नाराजगी देखी जा रही है। उन्होंने कहा कि हैरत की बात तो यह है कि इस मसले पर बेगूसराय के सांसद सह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के मुंह में दही जम चुका है। अंचल सचिव ने कहा कि हिंदू मुस्लिम के फेरा में इन्होंने बेगूसराय के विकास का चीर हरण कर लिया है। बेगूसराय में अगर छोटी बड़ी कोई भी घटना हो जाती है तो सांसद हिंदू मुसलमान करने जरूर पहुंच जाते हैं लेकिन विकास के सवाल पर खामोश बैठे रहते हैं। उन्होंने कहा कि जब-जब बाहरी लोग जीतेंगे, तब तब इसी तरह का हाल हमारे जिले का होगा। गिरिराज जी से कुछ प्रश्न कीजिए तो वह बोलेंगे पाकिस्तान चले जाओ। लगता है कि वे पाकिस्तान के वीजा मंत्री हैं। अंचल सचिव श्री कुमार ने कहा कि बेगूसराय सांसद के रवैए से अब यह स्पष्ट हो गया कि उनकी बेगूसराय के विकास में कोई रुचि नहीं रह गई है।

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भाजपा की सरकार लिख रही है बिहार की बर्बादी की गाथा
पूर्व मुखिया सह बिहार महिला समाज की अध्यक्ष ललिता कुमारी ने कहा कि एनडीए के माननीय सांसद जो बेगूसराय से चुनकर दिल्ली पहुंचे हैं, उनसे विशेष आग्रह होगा कि बिहार के विकास के साथ जो खिलवाड़ हो रहा है, उस पर अपना विरोध दर्ज करें। विकास का चीरहरण इस रूप में ना देखें कि आपको कल लोग यह कहे कि आप धृतराष्ट्र थे। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी आग्रह किया कि विकास के चीरहरण को देखते हुए आप मुंह अगर मोड़ते हैं तो लगता है कि भीष्म पितामह के तरह आप भी केंद्रीय सरकार को हिफाजत करने का वचन दे चुके हैं। किसान नेता रामकुमार सिंह ने कहा कि चाहे बिहार बर्बादी की गाथा मोदी और शाह लिखते रहें, उसके साथ बेगूसराय सांसद खड़े नजर आ रहे हैं। इसलिए बेगूसराय के विकास प्रेमियों से आग्रह होगा कि मक्का अनुसंधान केंद्र को बचाने के लिए इससे भी बड़े आंदोलन को चलाने की आवश्यकता है।  मौके पर  राजेश कुमार सुमन, सूरज महतो, मोहम्मद नौशाद, सौरभ कुमार सिंह, राम प्रवेश महतो, सुमित झा, गोपाल पोद्दार, सरफराज आलम, सकलदेव चौधरी, गुलाम बक्शी, पुष्प कुमार पासवान, रतन कुमार पासवान, रोहित साहनी, कृष्ण कुमार, सुमित कुमार, अमित ठाकुर सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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