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25 फरवरी को दर्जन भर अपराधियों ने घर पर चढ़कर कर दी थी साहेबपुरकमाल के धर्मवीर की निर्मम हत्या
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मृतक के परिजनों ने डीएसपी के सुपरविजन रिपोर्ट पर उठाए सवाल, एसपी से लगाई न्याय की गुहार
समाचार विचार/साहेबपुरकमाल/बेगूसराय: पैसा जो न कराए, इसलिए तो एक बार फिर बेगूसराय पुलिस का कारनामा बलिया अनुमंडल क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है। यूं तो पुलिस अपनी भ्रष्ट कार्यशैली के लिए बदनाम तो है ही, लेकिन इस प्रकरण ने उसकी बची खुची साख पर भी बट्टा लगा कर रख दिया है। पुलिस के द्वारा पीड़ित परिवार को न्याय देने के बदले हत्यारों को ही बचाने की साजिश का पर्दाफाश होते ही लोग न केवल अनुसंधान पदाधिकारी पर थू थू कर रहे हैं बल्कि बलिया डीएसपी के सुपरविजन रिपोर्ट पर भी गंभीर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं। पीड़ित परिवार का सवाल इसलिए भी लाजिमी है कि सुपरविजन रिपोर्ट में पुलिस ने जिस स्वतंत्र गवाह के बयान को आधार बनाकर प्राथमिकी में दर्ज नामजद आरोपियों को क्लीन चिट दे दी है, उसी स्वतंत्र गवाह ने शपथ पत्र के साथ बेगूसराय एसपी को आवेदन देकर बताया है कि पुलिस ने मनगढ़ंत तरीके से मुझे स्वतंत्र गवाह बना दिया है और अपने मन से सुपरविजन रिपोर्ट में मेरे बयान को आधार बनाकर डायरी को न्यायालय में समर्पित कर दिया है, जबकि मुझे इस हत्याकांड की कोई जानकारी नहीं है और न ही वादी और प्रतिवादी से मेरा या मेरे परिवार का कोई लेना देना है। पुलिस के द्वारा मनगढ़ंत तरीके से खुद का नाम दिए जाने से हैरान और परेशान मो. साबिर ने एसपी से आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है। इधर पीड़ित परिवार ने बेगूसराय एसपी से बलिया डीएसपी पर अपराधियों से मोटी रकम लेकर हत्यारों को बचाने का संगीन आरोप लगाते हुए बलिया डीएसपी के सुपरविजन रिपोर्ट को खारिज कर रि-सुपरविजन करने की मांग की है।
25 फरवरी को दर्जन भर अपराधियों ने घर पर चढ़कर कर दी थी साहेबपुरकमाल के धर्मवीर की निर्मम हत्या
दरअसल 25 फरवरी को आपसी विवाद में दर्जन भर हथियारबंद बदमाशों ने साहेबपुरकमाल थाना क्षेत्र के साहेबपुरकमाल गांव निवासी राम सुमिरन दास के पुत्र धर्मवीर कुमार की निर्मम तरीके से हत्या कर दी थी। बदमाशों ने पहले उसके घर पर हमला बोल कर उसके भाई राहुल को बुरी तरह से जख्मी कर दिया था। उसके बाद लाठी डंडे से पीट पीट कर धर्मवीर कुमार को गंभीर रूप से जख्मी कर दिया था, जिसकी मौत अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई थी। हत्याकांड के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने शव को एनएच 31 पर रखकर उग्र प्रदर्शन किया था, जिसके बाद पुलिस पदाधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की पहल के बाद लोगों ने जाम समाप्त कर दिया था। उसके बाद मृतक के भाई राहुल कुमार के आवेदन के आलोक में साहेबपुरकमाल थाना कांड संख्या 47/24 दर्ज कर ग्यारह व्यक्तियों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था।
मृतक के परिजनों ने डीएसपी के सुपरविजन रिपोर्ट पर उठाए सवाल, एसपी से लगाई न्याय की गुहार
इस मामले में मोड़ तब आया, जब सुपरविजन रिपोर्ट में स्वतंत्र गवाह के रूप में अपना नाम अंकित होने की जानकारी मिलने पर मो. साबिर ने एसपी को आवेदन देकर समुचित कार्रवाई करने की गुहार लगाई। मो. साबिर ने बताया कि वह हतप्रभ है कि पुलिस ने मनगढ़ंत तरीके से उसे स्वतंत्र गवाह बना दिया है और अपने मन से उसका बयान सुपरविजन रिपोर्ट में डाल दिया है, जबकि आज तक किसी पुलिसकर्मी ने उसका कोई बयान भी दर्ज नहीं किया है। मो. साबिर ने बताया कि जब वे इसकी जानकारी लेने अनुसंधान पदाधिकारी के पास गए तो उन्होंने भी मामले से अनभिज्ञ होने की बात कहकर बताया कि ऐसा डीएसपी ऑफिस का आदेश था। स्वतंत्र गवाह मो. साबिर ने बताया कि उन्होंने शपथ पत्र में सारी सच्चाई को प्रस्तुत करते हुए बेगूसराय एसपी को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है। मृतक के भाई राहुल कुमार ने बताया कि पुलिस ने केवल मो. साबिर ही नहीं, बल्कि उसी गांव के एक किराएदार अर्जुन शर्मा को भी अपने मन से स्वतंत्र गवाह बना दिया है। उसने बताया कि सुपरविजन रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि बलिया डीएसपी ने हत्यारों को क्लीन चिट देने के लिए फर्जी तरीके से स्वतंत्र गवाह का नाम और बयान सुपरविजन रिपोर्ट में अंकित कर माननीय न्यायालय की आंखों में भी धूल झोंकने का काम किया है। पीड़ित ने बेगूसराय एसपी को साक्ष्य के साथ आवेदन देकर रि-सुपरविजन करने की मांग करते हुए अपने भाई के हत्यारों को सजा दिलाने की मांग की है।
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Author: समाचार विचार
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