🎯2013 में नौकरानी को गर्भवती करने वाले नरेश सिंह को पुलिस ने 2024 में किया गिरफ्तार
🎯विगत ग्यारह वर्षों से पुलिस और कानून की आंखों में धूल झोंक रहा था दुष्कर्मी
समाचार विचार/मंझौल/चेरियाबरियारपुर/बे गूसराय: विगत ग्यारह साल से पुलिस और कानून की आंखों में धुल झोंकने वाले यौन शोषण के आरोपी थाना क्षेत्र के पबड़ा गांव निवासी नरेश सिंह को आख़िरकार गिरफ्तार कर लिया गया। मिली जानकारी के अनुसार पबड़ा गांव निवासी स्वर्गीय कीर्ति नारायण सिंह के लगभग 65 वर्षीय पुत्र नरेश सिंह को यौन शोषण के आरोप में बुधवार की रात्रि मंझौल थानाध्यक्ष रीशा कुमारी के द्वारा गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। गिरफ्तार आरोपी थाना कांड संख्या 111/13 में भारतीय दंड विधान की धारा 376, 313, 511, 201 एवं 34 के तहत मुख्य अभियुक्त है। विदित हो कि आरोपी नरेश सिंह पर चेरिया बरियारपुर थाना कांड संख्या 111/ 13 दर्ज होने के बाद तत्कालीन मंझौल डीएसपी एवं बेगुसराय एसपी के द्वारा केस को जांच में सत्य पाते हुए गिरफ्तार करने का निर्देश जारी किया था। लेकिन तत्कालीन डीआईजी ने डीएनए टेस्ट के बाद गिरफ्तार करने का आदेश दिया। जिसके फलस्वरूप लगभग 09 साल तक केस यूं ही पेंडिंग रहा। इस दौरान पीड़िता टकटकी लगाए रिपोर्ट आने का इंतजार करती रही तथा 09 साल बाद जब डीएनए रिपोर्ट आया तो वह अस्पष्ट बताया गया, यानि बच्चे का डीएनए आरोपी से मेल खा भी सकता है या नहीं भी खा सकता है। इसके उपरांत माननीय न्यायालय ने दूसरे जगह से डीएनए करवाने का आदेश पारित किया। लेकिन इसी बीच 2022 मे तत्कालीन मंझौल थाना अध्यक्ष ने नरेश सिंह को केस से बरी करते हुए चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दिया।
चार्जशीट दाखिल करने के बाद मुकदमा में आया नया मोड़
तत्कालीन थानाध्यक्ष द्वारा जब चार्जशीट में आरोपी को केस से बरी करते हुए न्यायालय में दाखिल किया गया तो फिर केस में एक नया मोड़ आ गया। उक्त केस में सूचिका मीरा देवी पति कांतिलाल महतो की ओर से अधिवक्ता प्रिंस राहुल ने जोरदार बहस की तथा केस डायरी में ही बहुत सारे सबूतों को साबित करते हुए माननीय न्यायालय से सूचिका को न्याय देने की मांग की गई। जिसपर माननीय न्यायालय ने भी गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए उपर्युक्त चार्जशीट के विरुद्ध मुख्य अभियुक्त नरेश सिंह के खिलाफ सम्मन जारी किया गया परंतु सम्मन पर हाजिर नही होने के कारण माननीय न्यायालय ने वेलेबल वारंट जारी कर दिया लेकिन इसके बावजूद आरोपी पहुंच एवं पैसे के बल पर माननीय न्यायालय के आदेश का अवहेलना करते रहा तथा कोर्ट में हाजिर होकर अपना पक्ष नही रख सका। अंततः माननीय न्यायालय ने केस के नामजद अभियुक्त नरेश सिंह पर नन वेलेबल वारंट जारी किया गया तथा मंझौल थाना को गिरफ्तार करने की हिदायत दी गई। इसके बाद पुलिस हरकत में आई तथा मंझौल थाना अध्यक्ष रिशा कुमारी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मुख्य अभियुक्त नरेश सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
यौन शोषण के उपरांत गूंगी लड़की से जन्मे पुत्र को है पिता के पहचान का इंतजार
यौन शोषण के बाद गूंगी लड़की से जन्मे पुत्र को आज 11 साल बाद भी अपने पिता के पहचान का इंतजार है। विदित हो कि सुचिका मीरा देवी की गूंगी लड़की जयमंगली बलात्कारी नरेश सिंह के घर पर घरेलू काम करती थी। इस दौरान आरोपी उसके गूंगी होने का फायदा उठाते हुए यौन शोषण करता रहा। इसी क्रम में वह गर्भवती हो गई। इस दौरान गर्भवती होने की जानकारी मिलने पर आरोपी नरेश सिंह ने उसका गर्भपात कराने का भी असफल प्रयास किया। जिसमें सूचना पर पुलिस के द्वारा छापेमारी कर गर्भपात होने से बचा लिया गया तथा मामले में एक ग्रामीण चिकित्सक को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। वहीं गर्भपात नहीं होने के कारण अंततः पीड़िता गूंगी ने बच्चे को जन्म दिया, जो अब 11 साल का हो गया है। पीड़ित सूचिका की मानें तो इन 11 सालो में आरोपी दबंगई के बल पर डराते धमकाते हुए केस में समझौता करने की बात भी करते हुए अब तक पुलिस गिरफ्त से बाहर रहा। लेकिन अब आरोपी के गिरफ्तारी के बाद लगता है कि न्यायालय से बच्चे एवं पीड़िता को न्याय मिलने का रास्ता जल्द ही साफ हो जाएगा। जिससे 11 साल बाद ही सही लड़के को उसके पिता से पहचान न्यायालय अवश्य दिलाएगा। ऐसी चर्चा आरोपी की गिरफ्तारी के बाद आम लोगों के बीच मुख्य विषय बना हुआ है। लोगों का कहना है कि ये अंधा कानून है, तभी तो ऐसी कहानी हमारे समाज में जन्म लेती है।
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Author: समाचार विचार
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