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रूस के सैलानी एलेक्सी बेगूसराय प्रवास के दौरान पहुंचे साईं की रसोई
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अतुल्य भारत का दर्शन करने आए एलेक्सी ने राष्ट्रकवि दिनकर को बताया प्रेरणास्रोत


समाचार विचार/बेगूसराय: अतुल्य भारत का दर्शन करने रूस से भारत आए एलेक्सी पिछले 69 दिनों से भारत देश के विभिन्न इलाकों का भ्रमण कर रहे हैं। इसी क्रम में वे अपने बेगूसराय प्रवास के दौरान मंगलवार की रात साईं की रसोई के दैनिक अभियान में शामिल हुए और जरूरतमंदों के बीच भोजन परोस कर इस नेक मुहिम की भूरी भूरी प्रशंसा की। इस दौरान साईं की रसोई अभियान से जुड़े कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें अभियान के शुरुआती चरण से लेकर अब तक के संचालन में सहृदय लोगों के सहयोग और स्नेह की विस्तृत जानकारी दी।



साईं की रसोई के नियमित भोजन अभियान के मुरीद हुए रूस के एलेक्सी
एलेक्सी ने बताया कि वंचितों और जरूरतमंदों की सेवा ही मानवता रूपी वास्तविक धर्म है। विकसित हों या विकासशील देश, हर देश में जरूरतमंदों को सहयोग, स्नेह और संबल की जरूरत होती है। बेगूसराय भ्रमण के क्रम में मुझे जब इस अभियान की जानकारी मिली तो मैं खुद को यहां आने से रोक नहीं सका। साईं की रसोई जैसी सामाजिक संस्था निश्चित रूप से प्रशंसा और बधाई की पात्र है। उन्होंने समाज के सक्षम लोगों से अपील करते हुए कहा कि इन्हें आर्थिक सहयोग कर इनके अभियान को जरूर मजबूत बनाएं ताकि वंचितों और जरूरतमंदों के लिए चलाया जा रहा यह अभियान निर्बाध रूप से संचालित हो सके।
सराहना: साईं की रसोई के नियमित भोजन अभियान के मुरीद हुए रूस के एलेक्सी
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अतुल्य भारत का दर्शन करने आए एलेक्सी ने राष्ट्रकवि दिनकर को बताया प्रेरणास्रोत
एलेक्सी ने बताया कि भारत के बिहार में गंगा नदी के किनारे बेगूसराय नामक शहर को करीब से देखने, जानने और समझने की इच्छा थी, जो आज पूरी हुई है। हिंदी के महान ओजस्वी कवि रामधारी सिंह दिनकर मेरे प्रेरणास्रोत हैं। उनकी रचनाओं की गूंज मेरी सरजमीं रूस में भी प्रतिध्वनित होती रहती है। यहां मेरी मुलाकात ‘साईं की रसोई’ टीम से हुई जो गरीब और जरूरतमंद लोगों को सामान्य चाय से भी कम कीमत पर भोजन उपलब्ध कराती है। मैं इन अद्भुत लोगों के अद्भुत कार्यों की सराहना करता हूं। उन्होंने आग्रह पूर्वक कहा कि इस अभियान का सभी भारतीयों को समर्थन करना चाहिए।
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