➡️प्रेस वार्ता का आयोजन कर प्रशांत किशोर को खूब सुनाई खरी खोटी
➡️पार्टी नहीं बल्कि कॉरपोरेट कंपनी चला रहे हैं प्रशांत किशोर

समाचार विचार/बेगूसराय: प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज को बेगूसराय में गहरा झटका लगा है। जन सुराज पार्टी के मटिहानी विधानसभा के संभावित प्रत्याशी, सक्रिय कार्यकर्ता और जिला प्रवक्ता विंग कमांडर रंजीत कुमार ने भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले मुख्य प्रवक्ता अजय कुमार और शहर के व्यवसायी दिनकर भारद्वाज ने भी इस्तीफा देते हुए प्रशांत किशोर को घमंडी, आत्ममुग्ध सोच, तानाशाह और वन मन शो का पर्याय बताया है। गुरुवार को शहर के अर्चना विहार स्थित सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान विंग कमांडर रंजीत कुमार ने पार्टी से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है। विदित हो कि कल यानि 11 अप्रैल को ही पटना के गांधी मैदान में जनसुराज की रैली आहूत की गई है। उसके ठीक एक दिन पूर्व विंग कमांडर रंजीत कुमार के इस्तीफे की घोषणा ने शीर्ष नेतृत्व को असहज कर दिया है।

पार्टी नहीं बल्कि कॉरपोरेट कंपनी चला रहे हैं प्रशांत किशोर
विंग कमांडर रंजीत कुमार ने कहा कि प्रशांत किशोर पार्टी नहीं, बल्कि कॉरपोरेट कंपनी चला रहे हैं। यहां व्यक्ति की कोई अहमियत नहीं है। इसका संचालन लोकतांत्रित तौर तरीके से नहीं बल्कि कंपनी की तरह हो रहा है। उन्होंने कहा कि बेगूसराय में सक्रिय कार्यकर्ताओं की सहमति के बिना अध्यक्ष मनोनीत कर दिया गया, फिर उसे पदच्युत कर दिया गया। पुनः किसी दूसरे को सहमति के बगैर मनोनीत कर दिया गया। उन्होंने कहा कि जनसुराज हैसियत और शक्ति विहीन पार्टी बन कर रह गई है, जहां कार्यकर्ताओं की कोई कद्र ही नहीं है। जब तक कोई गाड़ी भेज देता है, कोई भोजन का इंतजाम कर देता है, तब तक ही उसकी महत्ता है। यहां ऐसा माहौल और विचार है कि जो झूठ बोलता हो, जो प्रशांत किशोर का यस मैन हो, उसी को प्राथमिकता दी जाती है। यहां कार्यकर्ताओं का कोई अस्तित्व नहीं है। उन्होंने कहा कि एक जिला में आठ सौ पदाधिकारी हैं। यहां कोई कार्यकर्ता नहीं है। प्रशांत किशोर पद का लॉलीपॉप देकर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वे बेगूसराय में राजनीति करने नहीं आए हैं और न ही किसी पार्टी को ज्वाइन करेंगे। अपनी आर्थिक हैसियत से हम आगे भी समाज की सेवा करते रहेंगे।

इसके पूर्व अजय कुमार और दिनकर भारद्वाज भी दे चुके हैं इस्तीफा
विंग कमांडर रंजीत कुमार के पहले जनसुराज के पूर्व उपाध्यक्ष और मुख्य प्रवक्ता अजय कुमार और दिनकर भारद्वाज भी जनसुराज से इस्तीफा दे चुके हैं। उन्होंने बताया था कि मैं लंबे समय से संगठन के विभिन्न स्तरों पर सक्रिय भूमिका निभाता रहा हूँ। एक सामान्य कार्यकर्ता के रूप में मेरी आस्था उन सिद्धांतों में रही है जिनकी नींव पर जन सुराज खड़ा हुआ था– पारदर्शिता, लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान, जनता की भागीदारी और वैकल्पिक राजनीति का निर्माण। इन्हीं मूल्यों के कारण मैंने न केवल अपना समय, श्रम और ऊर्जा जन सुराज को समर्पित किया, बल्कि संगठन की मजबूती हेतु जिला मुख्त प्रवक्ता जैसी जिम्मेदारी भी संभाली लेकिन आपकी घमंडी और आत्ममुग्ध सोच,तानाशाही और वन मन शो की वजह से जन सुराज से धीरे धीरे मोह भंग होता गया। समय बीतने के साथ यह स्पष्ट होता गया कि जिन आदर्शों की बात मंचों और मीडिया में की जाती है, वे वास्तव में केवल एक दिखावा हैं। निर्णयों में न तो लोकतांत्रिक सहभागिता है, न ही पारदर्शिता। कार्यकर्ताओं की आवाज़ को लगातार नज़रअंदाज़ किया जाता है, और संगठन में व्यक्ति-पूजा,धनबलियों को प्राथमिकता व एकतरफा निर्णयों की प्रवृत्ति हावी होती जा रही है।एक काबिल दलित जिसे आपने अपना पहला नमूना कहकर अध्यक्ष बनाया वो सच में सिर्फ नमूना बन कर रह गए हैं।पार्टी के कार्यक्रम, पोस्टर ,बैनर ,यहां तक कि सदस्यता रसीद और विजिटिंग कार्ड पर आप ही आप हैं।















