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बिहार और केंद्र सरकार पर लगाया धानुक समाज को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप
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धानुक समाज के लोगों ने सीपीआई की गणेश परिक्रमा नहीं कराने की भी रखी शर्त

समाचार विचार/अशोक कुमार ठाकुर/तेघड़ा/बेगूसराय: बेगूसराय के धानुक समाज के मतदाताओं के गोलबंद होने से क्या वाकई में संकट में गिरिराज सिंह आ जाएंगे या चक्रव्यूह को भेद पाने में सफल रह पाएंगे? जातीय गणना से नाखुश एवं राजनीतिक रूप से ठगे धानुक समाज के लोगों ने बिहार सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। इसी के क्रम में तेघड़ा प्रखंड अंतर्गत फुलवरिया तारा अड्डा में धानुक समाज महापंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें धानुक समाज के शैक्षणिक, सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक स्थिति सहित आरक्षण के मुद्दे तथा नागरिकता कानून व सुरक्षा के सभी बिंदुओं पर चर्चा हुई। महापंचायत में वक्ताओं ने कहा कि इस लोकसभा चुनाव में धानुक समाज निर्णायक भूमिका निभायेगी। चर्चा की गई कि अन्य राज्यों में धानुक समाज को अनुसूचित जाति में आरक्षण प्राप्त है, लेकिन बिहार सरकार सिर्फ धानुक समाज को वोट का मशीन समझ रखा है। आरोप लगाया गया कि सरकार धानुक समाज को दरकिनार कर रही है। धानुक समाज के वरिष्ठ नेता परमानंद सिंह ने कहा कि सत्रह सालों से नीतीश कुमार को एकतरफा समर्थन देने के बाद समाज अपने को ठगा महसूस कर रहा है। अब तक धानुक समाज के आगे बढ़ने वाले नेता को हमेशा दरकिनार किया गया है।धानुक समाज नीतीश कुमार के हरकत से लगातार गाली सुनने पर मजबूर रहा है। इतना ही नहीं अन्य जातियां भी विश्वास करना छोड़ दिया है। इसलिए धानुक समाज अपनी इज्जत बचाने तथा अपने डीएनए को साबित करने हेतु नीतीश कुमार से मोह भंग कर लिया है। आज तक समाज को अनुसूचित जनजाति का दर्जा नहीं देने तथा अपने फायदा हेतु धानुक समाज का उपयोग करने की साजिश को समझ चुका है।

धानुक समाज के महापंचायत ने लिया अवधेश राय को समर्थन देने का फैसला
डॉ संजीव भारती के द्वारा महापंचायत में लोकसभा चुनाव पर वोट देने पर प्रस्ताव लाया गया। जिसमें गिरिराज सिंह के द्वारा सुरेंद्र मेहता को अपमानित करना, सुरेंद्र मेहता को लोकसभा का उम्मीदवारी हटाने तथा जातीय वोट का ध्रुवीकरण करने हेतु छः महीने का मंत्री पद देना, नंदलाल राय को जिला परिषद उपाध्यक्ष पद से हटाने की साजिश, भाजपा द्वारा नीतीश कुमार को पलटने पर मजबूर करना, बेगूसराय गोली कांड में हाजीपुर के धानुक का बेटा चंदन कुमार की हत्या को राजनीतिक हथियार बनाकर तिरस्कृत करना, पांच साल में अपने समाज के जन्मदिन पर आना तथा कमजोर के बेटे की हत्या पर चुप रहना, सभी बातों को समझ कर सर्व सम्मति से धानुक समाज कलेजे पर पत्थर रखकर अपने समाज के बेटा राम बदन राय को वोट नहीं देकर, देश हित में, संविधान बचाने तथा गिरिराज को गंगा पार करने हेतु अपना वोट महा गठबंधन के प्रत्याशी अवधेश राय को देने का निर्णय लिया तथा अवधेश राय को महापंचायत में बुलाकर सशर्त समर्थन दिया है।















