➡️वैकल्पिक व्यवस्था होने तक जलाधारित कार्यों पर अविलंब रोक लगाए पेप्सी प्लांट
➡️डीएम तुषार सिंगला से की गई जल अधिनियम 1974 को प्रभावी रूप से लागू करने की मांग

समाचार विचार/बीहट/बेगूसराय: पेप्सी प्लांट के द्वारा हो रहे जल दोहन को लेकर बीहट बाजार में टीम प्रियम के द्वारा हस्ताक्षर अभियान चला कर लोगों को जागरूक करने और एकजुट करने के अभियान का आगाज किया गया। इस हस्ताक्षर अभियान के अंतर्गत लोगों का गुस्सा साफ देखा जा रहा था। टीम के द्वारा दस हजार हस्ताक्षर का लक्ष्य रखा गया है। हस्ताक्षर अभियान को लेकर समाज के सभी वर्गों में उत्साह देखा रहा है। हर कोई जल दोहन की समस्या के प्रति आक्रोशित हैं। कल से इस अभियान को वार्ड और गांव स्तर पर शुरू किया जाएगा। इस अभियान में संजय सिंह, बिट्टू कुमार, विकास कुमार, प्रियांशु, राम, रघु सहित कई सारे सकारात्मक सोच के युवा सक्रिय रहे।
वैकल्पिक व्यवस्था होने तक जलाधारित कार्यों पर अविलंब रोक लगाए पेप्सी प्लांट
टीम प्रियम के जागरूक सदस्यों ने डीएम से मांग किया है कि वे तत्काल प्रभाव से वर्तमान स्थिति में स्थानीय मानव एवं जीवशैली के हित में अविलंब कार्रवाई करें। उन्होंने मांग किया है कि जब तक संयंत्र पानी का वैकल्पिक व्यवस्था न करे, तब तक संयंत्र में जलाधारित कार्यों पर रोक लगाया जाए, संयंत्र के 15 किलोमीटर की अवधि में स्थित जल स्रोत मृतप्राय पोखर, नहर, तालाब आदि के संरक्षण की जिम्मेदारी ले कर संरक्षित किया जाए क्योंकि क्षेत्र कृषि आधारित है और जल संकट की वजह से कृषि कार्य प्रभावित हो रहे हैं। वर्तमान स्थिति के प्रतिफल तकनीकी – गैरतकनीकी क्षेत्र में स्थानीय लोगो की रोजगार की भागीदारी 75% तक सुनिश्चित की जाए, संयंत्र के बंद होने की स्थिति में जीवन यापन के लिए निर्भर कर्मियों को जीवन यापन भत्ता प्रदान किया जाए।
डीएम तुषार सिंगला से की गई जल अधिनियम 1974 को प्रभावी रूप से लागू करने की मांग
टीम प्रियम ने मांग किया है कि संयंत्र के 15 किलोमीटर के दायरे में स्थित सार्वजनिक जगह जैसे विद्यालय, महाविधालय, सरकारी कार्यालय, खेल मैदान, पंचायत भवन में शुद्ध पेय जल की व्यवस्था अपने मद से किया जाए, संयंत्र BIADA की खाली पड़ी जमीन पर वृक्षारोपण करे ताकि क्षेत्र के वातावरण को रहवास योग्य बनाया जा सके। इसके अलावा भूजल संरक्षण के लिए किए गए प्रयास एवं उसके प्रभाव को जनहित में साझा किया जाए एवं उसमें कोताही की स्थिति में उचित कानूनी कार्रवाई हो, संयंत्र अपने मुख्य द्वार पर डिस्पले बोर्ड के माध्यम से अंग्रेजी एवं हिंदी भाषा में भूल जल एवं पर्यावरण पर संयंत्र से पड़ने वाले प्रभाव को प्रदर्शित करे, ताकि आम जनमानस को जागरूक किया जा सके। इसके अलावा जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण ) अधिनियम 1974 को प्रभावी रूप से लागू किया जाए, भू जल मॉनिटरिंग एवं संरक्षण के संबंध में शोध संस्था की स्थापना किया जाए, संयंत्र बेगूसराय से विलुप्त हो रही नदियों एवं उसके स्रोत पर लोगो को जागरूक भी किया जाए। सदस्यों ने डीएम से मांग किया है कि उल्लिखित मांगों पर विचार कर उपयुक्त एवं जिम्मेदार संस्था/संगठन /कार्यालय को निर्देशित किया जाए।
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Author: समाचार विचार
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