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विद्यालय नहीं होने से फुलवड़िया गाछी टोला के बच्चे शिक्षा से हो रहे हैं वंचित
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सामूहिक आवेदन देने के बावजूद सांसद की उपेक्षा से मर्माहत हैं ग्रामीण
समाचार विचार/तेघड़ा/बेगूसराय: बेगूसराय में लोकसभा चुनाव के तिथि की घोषणा के साथ ही संसदीय क्षेत्र के विभिन्न इलाकों के ग्रामीणों का फूटा गुस्सा और चुनाव के बहिष्कार की खबरें भी सुर्खियां बटोर रही है। अपनी मांगों को लेकर मतदाताओं ने भी आवाज उठानी शुरू कर दी है। मतदाता अब सीधे चुनाव बहिष्कार की भी चेतावनी देने लगे हैं। इसी कड़ी में तेघड़ा प्रखंड व बरौनी नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड संख्या 3 गाछी टोला फुलवड़िया के ग्रामीणों का आक्रोश सामने आया है। स्थानीय ग्रामीणों ने सांसद गिरिराज सिंह पर जोरदार हमला बोलते हुए उन्हें मासूमों के साथ गद्दारी करने वाला इंसान बताया है और कहा है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में वे लोग चुनाव का पूर्णतः बहिष्कार करेंगे।
विद्यालय नहीं होने से फुलवड़िया गाछी टोला के बच्चे शिक्षा से हो रहे हैं वंचित
दरअसल फुलवड़िया का गाछी टोला 9 हजार आबादी वाली दलित और अति पिछड़ा बाहुल्य क्षेत्र है, जहां वोटर की संख्या 2500 से अधिक है। यहां पूर्व में सामुदायिक भवन में क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा के मौलिक अधिकार के दायरे में लाने हेतु नवसृजित विद्यालय संचालित हो रहा था। लेकिन सरकार की गलत नीति के कारण उस विद्यालय को दूसरे क्षेत्र के विद्यालय में शिफ्ट कर दिया गया, जहां से विद्यालय की दूरी 3 किलोमीटर है। इसके बाद से बच्चे 3 किलोमीटर दूर जाकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं। बहुत से बच्चे 3 किलोमीटर दूर जाकर पढ़ाई नहीं करना चाहते हैं। ऐसी स्थिति में क्षेत्र के नौनिहाल बच्चे शिक्षा जैसे मौलिक अधिकार से वंचित हो रहे हैं। इस मूलभूत समस्या को लेकर रविवार को उक्त गांव के ग्रामीणों ने गांव में प्राथमिक विद्यालय की मांग को लेकर ना सिर्फ अपनी आवाज बुलंद की, बल्कि चुनाव बहिष्कार की भी चेतावनी दी। विद्यालय नहीं तो वोट नहीं के नारों के साथ ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार करने का भी निर्णय लिया है। इसको लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। काफी संख्या में स्थानीय लोगों ने अपने हाथों में बैनर पोस्टर लिए स्थानीय सांसद गिरिराज सिंह के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे थे।
सामूहिक आवेदन देने के बावजूद सांसद की उपेक्षा से मर्माहत हैं ग्रामीण
स्थानीय वार्ड पार्षद खुशबू कुमारी एवं पूरे क्षेत्र के लोगों ने चंदा चुटकी व सामूहिक प्रयास से विद्यालय के नाम से दो कट्ठा जमीन भी रजिस्ट्री करवाया था। विद्यालय की स्थापना के लिए जिला प्रशासन एवं बिहार सरकार तथा स्थानीय सांसद गिरिराज सिंह को पत्र लिखकर अवगत कराया गया लेकिन कई साल बीत जाने के बावजूद बिहार सरकार एवं जिला प्रशासन के द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया। तब थक हारकर ग्रामीणों ने स्थानीय सांसद को मांगपत्र सौंपा लेकिन उनका रवैया भी उपेक्षा करने वाला ही रहा। ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें सांसद से बहुत उम्मीद थी लेकिन उन्होंने नौनिहालों के साथ गद्दारी कर ग्रामीणों को बहुत पीड़ा पहुंचाई है। इसी को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है। स्थानीय लोगों ने शिक्षा मंत्री से लेकर सभी जगह गुहार लगाने के बाद थक हार कर लोकसभा चुनाव में वोट बहिष्कार करने का मन बना लिया है। वार्ड पार्षद खुशबू कुमारी, जदयू नेता प्रधान राय, समाजसेवी मनोहर प्रसाद, सोहन महतो आदि ने बताया कि अगर इस क्षेत्र में स्कूल होता तो बच्चों की पढ़ाई में आसानी होती। पूर्व में नव नवसृजित विद्यालय भी संचालित होता था, जो दूर के विद्यालय में शिफ्ट कर दिया गया। उसके बाद अभी तक स्कूल नहीं बना है। यह सरकार के शिक्षा के नाम पर खोखले दवा साबित हो रहा है। संजीव शर्मा, संजीव कुमार टुल्लू , बैद्यनाथ महतो, शंकर रजक आदि ने कहा कि अधिकारी और जनप्रतिनिधियों वर्षों से यहां विद्यालय बनाने का आश्वासन देते आ रहे हैं लेकिन आजादी के 77 वर्ष बाद भी यहां स्कूल नहीं बन पाया। जिसको लेकर करीब 9000 आबादी के बच्चों को दूर दराज के स्कूलों में पढ़ने के लिए जाना पड़ता है। पूर्व के नवसृजित विद्यालय सह सामुदायिक भवन के सामने आक्रोशित होकर सैकड़ो की संख्या में अभिभावक महिला एवं पुरुष ने एक मीटिंग कर यह तय किया कि अगर एक पखवाड़े के अंदर व्यवस्था लागू नहीं की गई तो चुनाव में वोट का बहिष्कार करेंगें। मौके पर देवेंद्र प्रसाद, घनश्याम यादव, फुलेना दास, सुरेश भगत, बबलू कुमार, सीमा देवी, मीना देवी, कृष्णा देवी, कुमारी अनुराधा, रिंकू देवी सहित सैकड़ो लोग मौजूद थे।
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Author: समाचार विचार
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