➡️बरौनी कानपुर पाइपलाइन को बचाने के लिए कम्युनिस्ट पार्टी बेगूसराय ने दिया आंदोलन का अल्टीमेटम
➡️बरौनी रिफाइनरी बचाओ–रिलायंस भगाओ के नारों के साथ होगा आंदोलन का शंखनाद

समाचार विचार/बेगूसराय: पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड ने बरौनी–कानपुर पाइपलाइन को बंद कर रिलायंस कंपनी को सौंपने की तैयारी कर ली है। इसका परिणाम यह होगा कि बरौनी–कानपुर पाइपलाइन, जो एक सार्वजनिक क्षेत्र का उद्योग है, उसके संसाधनों का ही उपयोग की अनुमति अंबानी के रिलायंस कंपनी को सरकार देने जा रही है, जिससे हल्दिया, पारादीप और बरौनी रिफाइनरी का उत्पादन बाजार तक नहीं पहुंच पायेगा। इससे सार्वजनिक क्षेत्र के तीनों तेलशोधक कारखाने को घाटे में डालकर भारत सरकार बंद कर देगी। उपर्युक्त बातों की जानकारी प्रेस कांफ्रेंस के जरिए पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, पूर्व विधायक व बेगूसराय सीपीआई के जिला मंत्री अवधेश कुमार राय, तेघड़ा विधायक रामरतन सिंह, सीपीआई राज्य परिषद सदस्य राजेंद्र चौधरी, शिक्षक नेता प्रताप नारायण सिंह ने देते हुए कही।
बेगूसराय के विकास पर लग जाएगा ग्रहण
वक्ताओं ने कहा कि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड ने यह भी फैसला लिया है कि बरौनी–कानपुर पाइपलाइन कॉमन कैरियर यानी निजी कंपनी और सरकारी क्षेत्र की कंपनी ठेकेदारी के रूप में चलायेगी। इससे बरौनी रिफाइनरी का शेयर मार्केट कम होगा। इससे उत्पादन बंद होने से इसका मुनाफा घट जायेगा और बाजार में इसकी विश्वसनीयता घट जायेगी। इसमें कार्यरत पदाधिकारियों और कर्मचारियों की छंटनी होगी। हजारों–हजार स्थानीय मजदूर बेरोजगार होंगे और निश्चित रूप से बेगूसराय का विकास रुकेगा।















