हेलो डॉक्टर: ठंढ के मौसम में कुछ ऐसे रखें आंखों के स्वास्थ्य का ख्याल

➡️कंसल्टेंट नेत्र विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक कुमार ने पाठकों से साझा किया कुछ इफेक्टिव टिप्स
➡️एडवांस मीबो थेरेपी की सुविधा से लैस हो चुका है एस.एन. मेमोरियल विजन केयर सेंटर
हेलो डॉक्टर
समाचार विचार/बेगूसराय: कंसल्टेंट नेत्र विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक कुमार बेगूसराय में किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। साहित्य और विज्ञान पर विशिष्ट पकड़ रखते हुए उन्होंने कई नेशनल और इंटरनेशनल अवॉर्ड अपने नाम किया है। ठंड के मौसम में हर आयु वर्ग के लोगों को शरीर के अन्य अंगों की तरह आंखों के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखना अति आवश्यक है। इसी संबंध में डॉ. अभिषेक कुमार ने पाठकों से कुछ इफेक्टिव टिप्स साझा किया है, जिससे आप भी जरूर लाभान्वित होंगे।
आंखों के स्वाथ्य पर स्मॉग डालता है प्रतिकूल असर
ठंढ के दिनों में वातावरण में स्मॉग का स्तर बढ़ जाता है। फॉग ( धुंध ) और स्मोक ( धुआँ ) मिलकर स्मॉग बनाते हैं। सामान्य सोच है कि स्मॉग फेफड़ों पर अत्यधिक दुष्प्रभाव डालता है जो अपनी जगह पर सही भी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्मॉग आंखों के लिए भी अत्यधिक हानिकारक होता है। स्मॉग के हानिकारक गैसों के कुप्रभाव से आंख का टियर फ़िल्म ( आंसू की स्नेहक परत जो आंखों को नम रखती है ) सुख जाता है, जिसके कारण आंखों में लालीपन, सूखापन, किरकिराहट, चुभन, धूप में देखने मे परेशानी आदि लक्षण बढ़ जाती है। टियर फ़िल्म के कम होने से आंखों में संक्रमण का खतरा खतरनाक रूप से बढ़ जाता है। स्मॉग के कारण आंखों में सूखापन ( ड्रायनेस ) बढ़ जाता है। आंखों में सूखापन के अधिक बढ़ने के कारण कॉर्निया क्षतिग्रस्त हो सकती है जिसके कारण व्यक्ति स्थायी रूप से अंधता (ब्लाइंडनेस) का शिकार हो सकता है। स्मॉग के कारण आंखों में जलन और आई स्ट्रेन बढ़ जाता है। स्मॉग के कारण आंखों में सूजन, दर्द के साथ साथ दिखाई देना कम हो सकता है।
ये हैं स्मॉग के असर से आंखों को बचाने के उपाय 
डॉ. अभिषेक ने बताया कि घर से बाहर जाते समय अच्छे व साफ मास्क के साथ साथ पूरे आंख को कवर करने वाले चश्मे का प्रयोग करें। अपने शरीर मे नमी की मात्रा को बनाये रखें। एक दिन में कम से कम 6 से 8 ग्लास पानी जरूर पीएं। कॉन्टैक्ट लेंस तथा आंखों के मेकअप का प्रयोग नही करें। आंख में लाली का किरकिराहट होने पर आंखों को हरगिज नही मलें। आंखों में स्मॉग का असर दिखते ही नेत्र रोग विशेषज्ञ से सलाह लें। कम दिखने, आंखों में लाली आने, किरकिराहट होने पर नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें। अपने मन से या बिना विशेषज्ञ के सलाह के आंखों में स्टेरॉयड ( dexamethasone , betamethasone या prednisonol ) युक्त दवा नही डालें। उन्होंने बताया कि हमारे एस. एन. मेमोरियल विजन केयर सेंटर, बैंक ऑफ इंडिया के नीचे पटेल चौक, बलिया में नेत्र के सुखेपन के उपचार के लिए एडवांस मीबो थेरेपी की सुविधा उपलब्ध है, जिससे मरीजों को काफी लाभ मिल रहा है।

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