वर्दी वाला गुंडा था यह: डीआईजी ने किया सस्पेंड तो आम लोगों का बढ़ा पुलिस पर भरोसा
समाचार विचार
➡️राजनाथ सिंह का दामाद बताकर कई जगहों पर दिया था ठगी की वारदात को अंजाम
➡️जिले के कई गणमान्य लोगों के साथ अभद्र व्यवहार करने की पाई गई थी शिकायत
समाचार विचार/बेगूसराय: इसे पहचान लीजिए। तस्वीर में दिख रहा यह शख्स डीजीपी विनय कुमार की टीम का एक अहम हिस्सा था, जिसे थाने की कमान सौंपी गई थी। बतौर थानाध्यक्ष यह खूंखार प्राणी न केवल कानून की धज्जियां उड़ा रहा था बल्कि खुद को केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह का दामाद बताकर कई कद्दावर लोगों से ठगी की वारदात को अंजाम भी दे रहा था। इतना ही नहीं, यह शख्स खुद को एसपी मनीष के करीबी होने का धौंस दिखाकर न जाने शहरी क्षेत्र के कई व्यापारियों का आर्थिक शोषण भी कर चुका था। शहर के एक नामचीन व्यवसायी ने समाचार विचार को बताया कि पैसे कमाने की लालच में यह व्यक्ति इतना गिर गया था कि उसने खुद को राजनाथ सिंह का दामाद बताकर उनसे लाखों की ठगी कर ली थी। खुद को एसपी मनीष का स्वजातीय बताकर इस शख्स ने जिले में अघोषित वसूली का एक रैकेट खड़ा कर लिया था। हालांकि, ऐसे भ्रष्ट आचरण वाले दागदार वर्दी वाले गुंडा को बेगूसराय एसपी ने किस आधार पर थाने की कमान सौंपी थी, यह जांच का विषय होना चाहिए। इस सनसनीखेज खुलासे के बाद जब हमने जिले के हर थानाध्यक्ष के कार्यकलाप का ऑन द स्पॉट जायजा लिया तो पता चला कि इनलोगों ने प्राथमिकी दर्ज करने की दुकानदारी खोल रखी है। इनके लिए हर फरियादी हलाल मुर्गे की तरह है, जिसे न्याय दिलवाने की एवज में ये लोग पहले जमकर आर्थिक वसूली करते हैं, उसके बाद मनमाफिक कारवाई करते हैं।
डीआईजी ने एसपी को दिया अनुशासनिक कारवाई करने का आदेश
बारम्बार मिल रहे इस तरह की शिकायत के बाद बेगूसराय के डीआईजी आशीष भारती ने सिंघौल थाना के निवर्तमान थानाध्यक्ष अमित कुमार सिंह को निलंबित कर दिया और अनुशासनिक कार्रवाई का आदेश एसपी को दिया है। आमलोगों की शिकायत पर जांच के बाद डीआईजी ने यह एक्शन लिया है। डीआईजी आशीष भारती ने बताया कि मद्यनिषेध एवं आर्म्स एक्ट से संबंधित सिंघौल थाना कांड संख्या-31/25 के एक प्राथमिकी अभियुक्त को सिंघौल के तत्कालीन थानाध्यक्ष अमित सिंह ने पैसे का लेन-देन कर थाना से छोड़ दिया था, जिसकी शिकायत स्थानीय लोगों ने की थी। इसके पूर्व भी यह उद्दंड दारोगा जिस थाना में रहा है, वहां के लोगों ने इसके विरुद्ध न केवल एसपी बल्कि डीआईजी से भी इसके आचरण की शिकायत की थी।
जिले के कई गणमान्य लोगों के साथ अभद्र व्यवहार करने की पाई गई थी शिकायत
डीआईजी ने प्राप्त शिकायत को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच एसपी से कराई। एसपी के जांच प्रतिवेदन से मामला सामने आया कि सिंघौल के तत्कालीन थानाध्यक्ष अमित कुमार सिंह ने एक प्राथमिकी अभियुक्त को पकड़ कर थाना के सिरिस्ता में बैठाकर रखा था। इसकी सूचना संबंधित कांड के अनुसंधानकर्ता को नहीं दी। बिना ठीक तरह से कांड की जांच और अनुसंधान कराए, उसे पीआर बांड पर मुक्त कर दिया। इसकी प्रविष्टि थाना दैनिकी या थाना के किसी अन्य अभिलेख में नहीं किया गया। थानाध्यक्ष अमित कुमार सिंह के संदिग्ध आचरण, काम में लापरवाही और मनमानेपन को परिलक्षित करता है। डीआईजी ने बताया कि इसी के मद्देनजर अमित कुमार सिंह को निलंबित करते हुए अनुशासनिक कार्रवाई करने का आदेश एसपी को दिया गया है। उल्लेखनीय है कि थानाध्यक्ष अमित कुमार सिंह को रजौड़ा पंचायत के मुखिया अहमद अंसारी के साथ गाली-गलौज, मारपीट करने और डॉ. मीरा सिंह के साथ अभद्रता करने के आरोप में बीते 28 अप्रैल को लाइन हाजिर हुए थे।