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बोले डॉ. सुरेश राय: आज सार्वभौम भाषा बन गई है राष्ट्रभाषा हिंदी

  • साईं की रसोई

🎯 भारती भवन प्रकाशन ने किया हिंदी कौशल वर्द्धन एवं भाषा विकास पर कार्यशाला का आयोजन

🎯शिक्षाविद उषा छावड़ा ने रोचक तरीके से मौजूद शिक्षक शिक्षिकाओं का किया ज्ञानवर्धन

बोले डॉ. सुरेश राय

समाचार विचार/बेगूसराय: अगर किसी राष्ट्र को नष्ट करना हो तो सबसे पहले उसकी भाषा खत्म कर दीजिए, राष्ट्र स्वयं नष्ट हो जाएगा। अंग्रेजी की जिस जंजीर से हमने खुद को जकड़ रखा है, उसे तोडऩा होगा। आज हिंदी की उपेक्षा काफी चिंताजनक है। लेकिन इस तरह के आयोजन से हिंदी भाषा के प्रति नई पीढ़ियों की रुचि संतोषप्रद है। उक्त बातें बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. सुरेश प्रसाद राय ने जिरोमाइल स्थित एक होटल के सभागार में भारती भवन प्रकाशन एवं वितरक के द्वारा हिंदी कौशल वर्धन एवं भाषा विकास पर आयोजित एकदिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सन् 1917 में सबसे पहले हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में मान्यता प्रदान की थी। तमाम उपेक्षाओं के बावजूद हिंदी भारत देश की सार्वभौम भाषा बन गई है। तकनीक के चलते ही हम दुनिया के कोने-कोने से जुड़ कर बात कर पा रहे हैं। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हिंदी के प्रति यदि आकर्षण बढ़ाना है तो नई पीढ़ी के बच्चों में हिंदी के प्रति रुचियों का बीजारोपण करना होगा। उन्होंने राष्ट्रकवि दिनकर की भूमि पर भारती भवन के द्वारा आयोजित इस कार्यशाला की सराहना करते हुए आयोजकों को साधुवाद दिया।

शिक्षाविद उषा छावड़ा ने रोचक तरीके से मौजूद शिक्षक शिक्षिकाओं का किया ज्ञानवर्धन
दिल्ली के रोहिणी स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल में चौबीस वर्षों से हिंदी अध्यापन की अनुभव प्राप्त शिक्षाविद उषा छावड़ा ने कार्यशाला के दौरान मौजूद शिक्षक शिक्षिकाओं को रोचक तरीके से शिक्षण विधियों की बारीकियों से अवगत कराया। उन्होंने बच्चों के मनोविज्ञान को समझकर मनोरंजक तरीके से पढ़ाने की सलाह देते हुए कहा कि गीत और संगीत के माध्यम से अगर बच्चों को भाषाई ज्ञान प्रदान किया जाए तो स्वाभाविक रूप से उनकी रुचि जागृत होगी। उन्होंने हिंदी की समृद्ध विरासत को अक्षुण्ण रखने की अपील करते हुए कहा कि सबों के सहयोग से ही हिंदी को प्रतिष्ठित किया जा सकता है। कार्यशाला के दौरान मौजूद शिक्षक शिक्षिकाओं का न केवल ज्ञानवर्धन हुआ बल्कि उन्होंने हिंदी की समृद्धि का भी संकल्प लिया।

इन गणमान्यों की मौजूदगी में हुआ कार्यशाला का सफल आयोजन
कार्यशाला के दौरान शहर के सभी प्रतिष्ठित स्कूलों के निदेशक, प्राचार्य और शिक्षकों ने भाग लेकर अपने विचार व्यक्त किए। मौजूद लोगों ने राष्ट्रकवि दिनकर की भूमि पर ऐसे कार्यक्रम को आगे भी करने का अनुरोध किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में भारती भवन प्रकाशन परिवार के सभी सदस्यों ने अपनी महती भूमिका निभाई। मौके पर सीनियर प्रतिनिधि दीपक कुमार सिंह, राजन कुमार तिवारी, प्रशांत कुमार, फील्ड मैनेजर चंदन कुमार मिश्रा, पिंटू कुमार सिंह सहित भारती भवन प्रकाशन के वितरक और नए पुराने विक्रेता मौजूद थे।

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