सावधान: जानलेवा साबित हो रहा है इनफ्लुएंजा वायरस का शिफ्टिंग वेरिएंट

➡️चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. कृष्ण कुमार ने दी बच्चों के प्रति सजग रहने की सलाह
➡️उच्चतम संक्रमण का साल साबित हो रहा है वर्ष 2024
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समाचार विचार/बेगूसराय: बदलते मौसम में इन्फ्लूएंजा ग्रुप के वायरस का असर व्यापक पैमाने पर देखा जा रहा है। इसलिए बच्चों के परिजनों को सावधान रहने की जरूरत है। यह जानलेवा भी हो सकता है इसलिए समय रहते इस वायरस से पीड़ित बच्चों का इलाज करवाना जरूरी है। उक्त बातें सदर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कृष्ण कुमार ने कही। उन्होंने कहा कि इन्फ्लूएंजा ग्रुप का वायरस हर वक्त म्यूटेड होकर ड्रिफ्टिंग होते रहता है और प्रत्येक 4 साल पर एक नया वेरिएंट बन जाता है जिसे “शिफ्टिंग” कहते हैं। अतः प्रत्येक 4 वर्षों पर इस वायरस का संक्रमण अपने उच्चतम स्तर पर रहता है,और वर्ष 2024 इसके उच्चतम संक्रमण का वर्ष है। इसीलिए इस वर्ष इन्फ्लूएंजा ग्रुप के वायरस से बच्चे ज्यादा बीमार हो रहे हैं।
चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. कृष्ण कुमार ने दी बच्चों के प्रति सजग रहने की सलाह
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. कृष्ण कुमार ने परिजनों  को सावधान रहने की सलाह देते हुए बताया कि सांस लेने में कठिनाई, सर्दी खांसी और बुखार का आना, खाते-खाते या दूध पीते- पीते उल्टी हो जाना, सांस लेने में घरघराहट, कंपकपी के साथ तेज बुखार आना और उसका जल्दी डाउन नहीं होना, आहार कम लेना या बिलकुल छोड़ देना, अगर ऐसा लक्षण बच्चों में दिखे तो परिजनों को समझना चाहिए कि उनका बच्चा इन्फ्लूएंजा ग्रुप के वायरस से बीमार हो गया है। ऐसी स्थिति में बिना समय गंवाए वह अपने निकटतम चिकित्सक से परामर्श लें। इस तरह के लक्षण होने के बावजूद दो दिनों तक यदि मरीज को नहीं दिखाया गया तो परिस्थितियां विपरीत भी हो सकती है। वैसे बेगूसराय में इस वायरस से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए अच्छे चिकित्सक मौजूद हैं।
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