➡️पहलगाम हमला बनाम ऑपरेशन सिन्दूर पुस्तक को मिला पहलगाम हमला पर प्रकाशित पहली किताब का दर्जा
➡️इंफ्लूएन्सर्स बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है इनकी बहुचर्चित पुस्तक कोरोना डायरी

समाचार विचार/बेगूसराय: बेगूसराय जिले के बलिया अनुमंडल क्षेत्र के सदानंदपुर गांव निवासी डॉ. अभिषेक कुमार का नाम यूएन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। उनकी कृति ” पहलगाम हमला बनाम ऑपरेशन सिन्दूर ” को यूएन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने पहलगाम हमला पर प्रकाशित पहली किताब का दर्जा देते हुए डॉ. अभिषेक कुमार का नाम अपने रिकॉर्ड बुक में दर्ज किया है। यह किताब किसी भी आतंकी घटना के उपर सबसे कम समय में प्रकाशित किताब है। डॉ. अभिषेक कुमार सदानंदपुर निवासी होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. सतीश चंद्र मिश्रा और डॉ. इंदु मिश्रा के पुत्र हैं तथा पेशे से नेत्र विशेषज्ञ हैं, जबकि इनकी पत्नी डॉ. श्वेता कुमारी बलिया में दंत रोग विशेषज्ञ हैं।
ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य प्रतिक्रिया नहीं बल्कि भारत की थी हुंकार
22 अप्रैल 2025 को जम्मू – कश्मीर के पहलगाम घाटी में घूमने आए पर्यटकों पर लश्कर – ए – तैयबा से जुड़े आतंकियों ने हमला करके 26 मासूमों की धर्म पूछकर हत्या कर दी थी। यह केवल एक आतंकी हमला नहीं था, यह भारत की सहिष्णुता और सम्प्रभुता को भी सीधी चुनौती थी। यह एक ऐसा क्षण था, जिसने हर भारतीय को विचलित ही नहीं किया, बल्कि भीतर तक झकझोर दिया था। लेकिन भारत ने केवल शोक नहीं मनाया – उसने उत्तर दिया। 7 मई 2025 – को भारत ने जवाब दिया – ” ऑपरेशन सिन्दूर ” के रूप में। यह केवल सैन्य कार्रवाई नहीं थी, यह उन रक्त की बूंदों का सम्मान था, जो पहलगाम की जमीन पर गिरी थी। राफेल लड़ाक़ू विमानों की गर्जना, स्कैल्प मिसाईलों की आग और भारत के जवानों की वीरता ने यह साबित कर दिया कि नया भारत न तो भूलता है और न ही क्षमा करता है। डॉ. अभिषेक कुमार के अनुसार ” ऑपरेशन सिन्दूर ” सिर्फ एक सैन्य प्रतिक्रिया नहीं थी, यह भारत की आत्मा में उठी हुंकार थी – अन्याय के विरुद्ध, आतंक के विरुद्ध और उन मूल्यों के पक्ष में जिन पर यह राष्ट्र टिका है। यह पुस्तक उस दिन की कथा है – जिसमें मृत्यु है , मातम है, लेकिन साथ ही प्रतिकार है, प्रतिज्ञा है और एक ऐसा शौर्य है जो युगों तक याद रखा जाएगा।
इंफ्लूएन्सर्स बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है इनकी बहुचर्चित पुस्तक कोरोना डायरी
डॉ. अभिषेक कुमार ने बताया कि उनकी इस किताब का प्रकाशन दिल्ली स्थित वन अलाइन प्रकाशन के द्वारा मई में ही त्वरित रूप से किया गया। पुस्तक प्रकाशित होने बाद उन्होंने यू एन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के बेबसाईट पर पुस्तक का कवर और पीडीएफ डाल कर अप्लाई किया और वेरिफिकेशन के बाद उनका नाम बूक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। यू एन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की ओर से डॉ. अभिषेक कुमार को वर्ल्ड रिकॉर्ड सर्टिफिकेट, रिकॉर्ड होल्डर आइडेंटिटी कार्ड, ट्रॉफी और यू एन बूक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड किताब की एक प्रति कुरियर के माध्यम से इनके पते पर भेजी गयी। डॉ. अभिषेक कुमार की इस उपलब्धि पर जिले के साहित्यकारों ने खुशी व्यक्त करते हुए बधाई और शुभकामनाएँ प्रेषित की है। मालूम हो कि यह दूसरा अवसर है, जब डॉ. अभिषेक कुमार का नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड बुक में दर्ज किया गया है। इससे पहले इनकी किताब ” कोरोना डायरी : इंडिया फाइट्स अगेंस्ट कोविड – 19 ” के लिए इनका नाम इंफ्लूएन्सर्स बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया था।
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