जरूरी है जागरूकता: चर्चिल, स्टालिन और रूजवेल्ट जैसी शख्सियत की ब्रेन हेमरेज से हुई थी मौत

  • विश्व उच्च रक्तचाप दिवस पर आईएमए के द्वारा एसबीआई मेन ब्रांच में हुआ अवेयरनेस प्रोग्राम का आयोजन

  • आईएमए की लगातार चल रही स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता अभियान से लाभान्वित हो रहे हैं जिलेवासी

जरूरी है जागरूकता
समाचार विचार/बेगूसराय: आज विश्व उच्च रक्तचाप दिवस के अवसर पर आईएमए बेगूसराय के द्वारा एसबीआई मेन ब्रांच में स्वास्थ्य शिविर सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जरूरी है जागरूकता थीम को गति देते हुए बैंक कर्मचारी सहित वहाँ उपस्थित ग्राहकों का निःशुल्क स्वास्थ परीक्षण किया गया। इस अवसर पर आईएमए सचिव सह हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. पंकज कुमार सिंह ने शिविर में मौजूद लोगों को बताया कि उच्च रक्तचाप साइलेंट किलर है। उन्होंने इससे बचने के उपायों जैसे कि नियमित व्यायाम, शारीरिक वजन को नियंत्रित रखना, संतुलित आहार, धूम्रपान का त्याग, अच्छी नींद इत्यादि के बारे में विस्तार से उपस्थित लोगों को समझाया। उन्होंने कहा कि स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर हमलोग ब्लड प्रेशर, सुगर और मोटापा से छुटकारा पा सकते हैं।

आईएमए की लगातार चल रही स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता अभियान से लाभान्वित हो रहे हैं जिलेवासी
विदित हो कि हाल के दिनों में आईएमए बेगूसराय के द्वारा लगातार चलाए जा रहे स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता अभियान से जिलेवासी लाभान्वित हो रहे हैं। एसबीआई मेन ब्रांच में आयोजित शिविर को संबोधित करते हुए आईएमए सचिव ने कहा कि जागरूकता की कमी की वजह से लोग अपने स्वास्थ को प्राथमिकता सूची में सबसे निचले पायदान पर रखते हैं, जबकि स्वास्थ इस सूची में सबसे ऊपर होना चाहिए। डॉ. पंकज कुमार सिंह ने बताया कि आमलोगों के बीच में ये भ्रांति है कि बीपी की दवा अगर शुरू हो गयी तो जीवन भर लेना पड़ेगा और इसी डर से लोग सालों बीपी की दवा नहीं लेते हैं और किसी दिन ब्रेन स्ट्रोक, हार्ट अटैक या किडनी फ़ेल्यर लेकर डॉक्टर के पास आ जाते हैं। जबकी सच्चाई ये है कि एक बार आपको उच्च रक्तचाप हो गया तो ये बीमारी ज़िंदगी भर रहेगा और जो बीमारी ज़िंदगी भर रहेगा उसका इलाज भी ज़िंदगी भर चलेगा। डॉ पंकज ने ये भी बताया कि जिनको ये बीमारी हो चुकी है, वो नियमित रूप से दवा लें और अपने डॉक्टर से संपर्क में रहें। इस मौक़े पर आईएमए अध्यक्ष डॉ. एके राय, डॉ. राम रेखा, डॉ. हीरा कुमार, डॉ. आरसी चौधरी, डॉ. राहुल कुमार तथा केडीएस हार्ट हॉस्पिटल की टीम ने अपना अहम योगदान दिया।

जरूरी है जागरूकता

चर्चिल, स्टालिन और रूजवेल्ट जैसी शख्सियत की ब्रेन हेमरेज से हुई थी मौत
जिले के मां जयमंगला क्लिनिक के निदेशक सह फिजिशियन एवं डॉयबिटोलॉजिस्ट डॉ. राहुल कुमार ने कहा कि सबसे कॉमन हेल्थ प्रॉब्लम हाइपर टेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर है। भारत में हरेक तीन व्यक्ति में से एक इस से पीड़ित हैं। शुरुआती दौर में हाई बीपी को एक कॉम्पेनसट्री मैकेनिज्म माना गया। प्रोफेसर पॉल ड्यूड व्हाइट, जिन्हें फादर ऑफ मॉडर्न कार्डियोलॉजी माना जाता है, उनका भी मानना था कि बीपी का बढ़ना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है और उसे कम करने की जरूरत नही है। उसी दौर में तीन वैश्विक नेता (चर्चिल, रूजवेल्ट एवं स्टालिन) की मौत बढ़े हुए बीपी की वजह से होने वाले ब्रेन हैमरेज से हुई। अमेरिकन प्रेजिडेंट रूजवेल्ट की बीपी 300 /190 थी, जब उनका ब्रेन हैमरेज हुआ था। उसके बाद हाइपरटेंशन को डॉक्टरों ने फिर रिसर्च शुरू हुआ। 1948 में फ्रामहिंघन हार्ट स्टडी की गई। फिर नेशनल हार्ट, लंग एंड ब्लड इंस्टिट्यूट ने जॉइंट नेशनल कमिटी का गठन किया, जो समय समय पर अपनी गाइड लाइन देती है।

कम नमक, नियमित व्यायाम और मेडिटेशन से मिलेगा लाभ
डॉ. राहुल कुमार ने उपयोगी जानकारी साझा करते हुए कहा कि सबसे रीसेंट जेएनसी 8 रिकमेन्डेशन 2014 में दिया गया जिसमें जिनकी उम्र 60 साल या उस से अधिक हो, उसमें 150/90  या उस से अधिक होने पर ही हाई बीपी माना जायेगा, ऐसा बताया गया। लेकिन इस से बहुत से रिसर्च करने वाले सहमत नही हुए। 2020 में सबसे मॉडर्न गाइड लाइन इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ हाइपरटेंशन के द्वारा दिया गया, जिसमें 130/85 से कम को नॉर्मल माना गया। 130 -139/85-89 को हाई नॉर्मल माना गया। 140 /90 या इस से ज्यादा होने पर उसको हाइपर टेंशन माना गया। यानी दवा की शुरूआत अब करनी है। आइसोलेटेड सिस्टोलिक हाइपर टेंशन बोला जाता है। यदि सिस्टोलिक 140 या उस से अधिक ,डायास्टोलिक 90 या इस से कम हो तब। नमक कम खाना, नियमित व्यायाम तथा मैडिटेशन और योग से लाभ होता है यह रिसर्च से ही प्रमाणित हुआ है।

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