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मनमानी: केके पाठक के राज में भी वर्क फ्रॉम होम कर रही हैं बखरी बीईओ

🌀बखरी में अब तक नहीं शुरू हुआ है सेवा पुस्तिका संधारण एवं वेतन निर्धारण का काम

🌀बीईओ की हठधर्मिता और निकम्मेपन से आक्रोशित हैं नियोजित शिक्षक

मनमानी
समाचार विचार/बेगूसराय: प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की हठधर्मिता और मनमानी के कारण छठे चरण में बहाल नियोजित शिक्षकों के दो वर्ष की सेवा पूर्ण करने के बाद नियोजित शिक्षकों के सेवा पुस्तिका का संधारण कर वेतन निर्धारण करने के पत्र जारी होने के एक महीने से अधिक बीत जाने के बाद भी बखरी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा अब तक सेवा पुस्तिका संधारण एवं वेतन निर्धारण का काम शुरू नहीं किया है। यह कृत्य प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की मनमानी को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करता है। बताते चलें कि डीपीओ स्थापना ने 6 अप्रैल 2024 को ही इससे संबंधित पत्र जारी कर छठे चरण में नियोजित शिक्षकों के सेवा पुस्तिका का संधारण एवं वेतन निर्धारण कर अधोहस्ताक्षरी कार्यालय में मूल प्रति उपलब्ध कराने की बात कही थी लेकिन इसका कोई असर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पर कुछ नहीं पड़ा है।

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केके पाठक के राज में भी वर्क फ्रॉम होम कर रही हैं बखरी बीईओ
गौरतलब हो कि तेघड़ा, गढ़पूरा, चेरियाबरियारपुर सहित अन्य प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने इससे संबंधित पत्र निकालकर सेवा पुस्तिका के संधारण एवं वेतन निर्धारण का काम शुरू कर दिया है। गढ़पुरा के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा स्थापना कार्यालय में छठे चरण में बहाल नियोजित शिक्षकों का सेवा पुस्तिका जमा करने का भी काम शुरू हो चुका है। सूत्रों की माने तो प्रखंड में शिक्षक संघ के नेताओं के द्वारा भी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को उक्त बाबत पत्र लिखकर छठे चरण में बहाल शिक्षकों के सेवा पुस्तिका के संधारण एवं वेतन निर्धारण की मांग की गई है लेकिन फिर भी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रहा है। इससे पहले प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी बरौनी में कार्यरत थे, वहाँ भी उनका विवादों से नाता लगा रहता था। शिक्षकों ने बताया कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कुमारी सविता लक्ष्मी बीआरसी कार्यालय में आती भी नहीं हैं, जिससे शिक्षकों को अपने कामों के निष्पादन के लिए के लिये काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। शिक्षकों में इसकी खुलेआम चर्चा है कि केके पाठक के राज में भी बीईओ वर्क फ्रॉम होम कर रही हैं।

बीईओ की हठधर्मिता और निकम्मेपन से आक्रोशित हैं नियोजित शिक्षक
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के हठधर्मिता की वजह से प्रखंड के शिक्षकों को मार्च, अप्रैल माह का वेतन बिना ग्रेड पे के साथ मिला एवं लगता है कि मई माह का वेतन भी बिना ग्रेड पे के साथ ही मिलेगा। सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद शिक्षकों का नियोजन ईकाई में बदलाव होगा। कुछ ऐसे भी शिक्षक हैं, जिन्हे दूसरा जिला भी आवंटित हुआ है, वैसे शिक्षकों को एरियर के रूप में अपना वेतन निकालने के लिए काफी फजीहतों का सामना करना पड़ेगा, जिससे धीरे-धीरे शिक्षकों का रोष बढ़ता जा रहा है।

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