➡️मेजर ध्यानचंद की जयंती पर खेल प्रतियोगिता का हुआ भव्य आयोजन
➡️विजेताओं को मेडल और ट्रॉफी देकर किया सम्मानित

समाचार विचार/बेगूसराय: खेल-कूद जीवन का अभिन्न हिस्सा है और यही कारण है कि एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं का महत्व लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में माय युवा भारत के द्वारा खेल को बढ़ावा देने हुए मेजर ध्यानचंद के जयंती पर खेल प्रतियोगिता का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में खिलाड़ियों ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता का मुख्य आकर्षण दौड़, गोला फेंक और हाई-जम्प जैसे रोमांचक खेल रहा, जिसमें खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में निर्णायक मंडली की भूमिका में खेल प्रशिक्षक रामाशीष, सुमित कुमार व रौशन कुमार ने अपना योगदान दिया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मशहूर खेल प्रशिक्षक रामाशीष थे। कार्यक्रम के संयोजक माय भारत के स्वयंसेवक अजीत कुमार ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत मेजर ध्यानचंद के चित्र पर माल्यापर्ण कर किया गया। आयोजन के दौरान खिलाड़ियों और दर्शकों ने मेजर ध्यानचंद को नमन करते हुए कहा कि जिस तरह उन्होंने हॉकी में भारत का नाम पूरे विश्व में रोशन किया, उसी तरह युवा खिलाड़ी भी मेहनत और अनुशासन से देश को गौरवान्वित कर सकते हैं। कार्यक्रम संचालन में रौशन कुमार,सुमित कुमार,गुलशन कुमार,नितेश का भूमिका सराहनीय रही।

खिलाड़ियों ने अपनी ताकत और तकनीक दोनों का लोहा मनवाया
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रामाशीष ने कहा कि कोई प्रतियोगिता में अपने किसी प्रतिस्पर्धा वाले को नज़रंदाज़ न करें। कब कौन बाज़ी कहाँ पलट जाय, कहना मुश्किल होता हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि दौड़ प्रतियोगिता की शुरुआत 100 मीटर दौड़ से हुई। उसके बाद 400 मीटर और 800 मीटर की दौड़ ने भी खूब रोमांच पैदा किया। मैदान में उतरे धावकों ने जबरदस्त रफ्तार दिखाई। हर कोई फिनिश लाइन तक सबसे पहले पहुँचने के लिए जी-जान से दौड़ा। दौड़ के बाद जब बारी आई गोला फेंक की, तो खिलाड़ियों ने अपनी ताकत और तकनीक दोनों का लोहा मनवाया। प्रतिभागियों ने अपने-अपने प्रयास में गोले को दूर तक फेंकने की भरपूर कोशिश की। कई बार गोले की दूरी ने सबको आश्चर्यचकित कर दिया।

खिलाड़ियों की ताकत, सहनशक्ति और मानसिक एकाग्रता की परीक्षा लेती है प्रतियोगिता
इस प्रतियोगिता में नए खिलाड़ियों ने भी अपनी प्रतिभा दिखाते हुए अनुभवी खिलाड़ियों को कड़ी टक्कर दिया। उसके बाद हाई-जम्प में खिलाड़ी जब ऊँचाई की बार पार करने के लिए दौड़ लगाते और हवा में छलांग लगाकर रिकॉर्ड तोड़ने का प्रयास करते, तो दर्शकों में रोमांच चरम पर पहुँच जाता। कई खिलाड़ियों ने अपने ही पुराने रिकॉर्ड को तोड़कर नई ऊँचाइयों को छुआ।सुमित कुमार ने बताया कि दौड़, गोला फेंक और हाई-जम्प जैसी प्रतियोगिताएँ न केवल खिलाड़ियों की ताकत, सहनशक्ति और मानसिक एकाग्रता की परीक्षा लेती हैं। प्रतियोगिता ने यह साबित कर दिया कि बेगूसराय के खिलाड़ी यदि लगातार मेहनत करें और उचित प्रशिक्षण पाएँ, तो वे भी मेजर ध्यानचंद की तरह अपने प्रतिभा से भारत को गौरवान्वित कर सकते हैं।
















