➡️शिक्षकों में स्थानांतरण प्रक्रिया को लेकर व्यापक आक्रोश, गोप गुट ने दिया आंदोलन का अल्टीमेटम
➡️शिक्षकों ने एससीएस पर लगाया वादाखिलाफी करने का गंभीर आरोप
समाचार विचार/बेगूसराय: बिहार में एक ओर जहां श्रेणीवार शिक्षकों का स्थानांतरण हो रहा है, वहीं अब दूसरी ओर स्थानांतरण से वंचित शिक्षकों का आक्रोश दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहा है। दिसंबर माह से ही नए स्कूल का बाट जोह रहे शिक्षकों को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने अपने चैनल के माध्यम से गर्मी की छुट्टियों के उपरांत नए विद्यालय में पदस्थापन का भरोसा दिया था, लेकिन विद्यालय खुलने के उपरांत भी शिक्षक स्थानांतरण को तरस गए है। पूरे प्रकरण पर स्थानांतरण से वंचित शिक्षकों के पक्ष में उतरते हुए बिहार स्टेट टीचर्स एसोसिएशन गोपगुट ने पत्र लिखकर विभाग से स्पष्टता की मांग की है।
आंदोलन के लिए लगातार शिक्षकों को उकसा रही है शिक्षा विभाग
पत्र के माध्यम से संगठन ने विभाग की नीति पर प्रश्न चिह्न लगाते हुए मांग किया है कि आखिर किन शिक्षकों का स्थानांतरण किन कारणों से नहीं हो सका है, विभाग इसे स्पष्ट करे। संघ के जिला अध्यक्ष मुकेश कुमार मिश्र एवं महासचिव ज्ञान प्रकाश ने बताया कि विभाग लगातार शिक्षकों को उकसा रही है तथा उनके धैर्य की परीक्षा ले रही है। छः माह बीत जाने के बावजूद अभी तक प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो सकी है। शिक्षकों ने तो अपर मुख्य सचिव महोदय के वक्तव्य पर भरोसा जताते हुए अपना रूम सब भी खाली कर दिया था। यहां तो एससीएस के वक्तव्य का भी कोई महत्व नहीं रह गया। शिक्षक मानसिक रूप से परेशान है। विभाग स्थानांतरण के नाम बस खानापूर्ति कर रही है।
गोप गुट ने दिया आंदोलन का अल्टीमेटम
गोपगुट के जिला मीडिया प्रभारी रौशन यादव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि विशिष्ट शिक्षकों को तो सक्षमता परीक्षा के समय जिला भी आवंटित कर दिया गया था, किंतु इसके बाबजूद उन्हें स्थानांतरण से वंचित रखा गया है। शिक्षकों का धैर्य अब जवाब दे रहा है तथा वह कभी फूट सकता हैं और एक बड़े आंदोलन का रूप ले सकती हैं। हम विभाग से मांग करते है कि वह स्थिति स्पष्ट करे कि आखिर कितने शिक्षकों का स्थानांतरण होगा अथवा नहीं होगा और नहीं होगा तो क्यों नहीं होगा।
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