रेल सुविधाओं की बदहाली के विरोध में: बेगूसराय स्टेशन पर हुआ सत्याग्रह 

रेल सुविधाओं
➡️रेल सुविधाओं हेतु समाज के प्रबुद्धजन और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बढ़-चढ़कर लिया भाग
➡️सुविधाओं की बहाली हेतु वर्षों से संघर्षरत हैं दैनिक रेल यात्री संघ के महासचिव राजीव कुमार
➡️रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को 20 सूत्री ज्ञापन सौंपकर की गई है शीघ्र कार्रवाई की मांग 
समाचार विचार/बेगूसराय: औद्योगिक राजधानी के रूप में अपना विशिष्ट पहचान रखने वाला बेगूसराय इन दिनों रेल सुविधाओं की बदहाली से जूझ रहा है। लंबी दूरी की 12 जोड़ी ट्रेनों का ठहराव बंद होने और वर्ल्ड क्लास स्टेशन योजना में विलंब को लेकर स्थानीय लोगों में गहरी नाराजगी है। इसी कड़ी में बुधवार को बेगूसराय स्टेशन परिसर में रेल सत्याग्रह कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें समाज के प्रबुद्धजन और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बढ़-चढ़कर भागीदारी लिया। सत्याग्रह के दौरान वक्ताओं ने ट्रेनों के ठहराव बहाल करने, साफ-सफाई और यात्री सुविधाओं में सुधार की मांग उठाई। आयोजकों ने चेतावनी दी कि जब तक क्षेत्र की उपेक्षा होती रहेगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। दैनिक रेल यात्री संघ के महासचिव राजीव कुमार ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को 20 सूत्री ज्ञापन सौंपकर शीघ्र कार्रवाई की मांग की है। ज्ञापन में वर्ल्ड क्लास स्टेशन योजना पर कार्य प्रारंभ करने, लंबी दूरी की ट्रेनों का ठहराव बहाल करने, नई रेल सेवाएं शुरू करने और स्टेशन को राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित करने की मांग की गई है।
संघ ने सरकार और विभाग को दी है आंदोलन की चेतावनी
संघ ने कहा है कि औद्योगिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बेगूसराय अब भी उपेक्षित है। यदि जल्द कदम नहीं उठाए गए तो जनाक्रोश और उभरकर सामने आएगा। मौके पर पूर्व महापौर आलोक अग्रवाल, पूर्व उप महापौर राजीव रंजन, कांग्रेस नेता ब्रजेश कुमार प्रिंस, अमरेंद्र सिंह, माले नगर अध्यक्ष राजेश श्रीवास्तव, डॉ निशांत रंजन, संयोजक रेल यात्री संघ सुभाष चंद्र जोशी, पुष्कर सिंह, विजय पासवान, पुटू जी, विजय पासवान आदि मौजूद थे।
आखिर बेगूसराय की बदहाली के कौन हैं जिम्मेवार
बेगूसराय आज भी रेल सुविधाओं में काफी उपेक्षित है। राज्य की सबसे बडे औद्योगिक ईकाई IOCL रिफाईनरी के अधिकारियों- कर्मचारियों का आवासीय परिसर भी बेगूसराय रेलवे स्टेशन से मात्र 02 किमी की दूरी पर अवस्थित है। बावजूद इसके लगभग एक दर्जन लंबी दूरी की महत्वपूर्ण ट्रेनें बिना रुके बेगूसराय के लाखों लोगों को मुंह चिढ़ाते हुये गुजर जा रही हैं। यहाँ तक कि निकटतम महानगर कोलकाता के लिए भी कोई सीधी रेल सेवा उपलब्ध नहीं है। फलस्वरूप, अधिकांश यात्रियों को दिल्ली, मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, चेन्नई,  हैदराबाद, तिरुवनंतपुरम, विशाखापट्टनम, जगन्नाथ पुरी, कन्याकुमारी आदि की यात्रा हेतु मोकामा, बरौनी, हाथीदह अथवा पटना जाकर ट्रेन पकडने को मजबूर होते हैं। अपनी जवान बहु- बेटियों, बीमार-वृद्ध  परिजनों और दूधमुंहे बच्चों के संग टाटा ,टेम्पो, रिक्शा में ठूंसकर, लादकर-लदकर, लटककर और लटकाकर की जाने वाली यह यात्रा काफी कष्टप्रद,  खतरनाक, खर्चीला ,जलालत भरा और कभी-कभार जानलेवा भी साबित होता है। समय, धन और जीवन तीनों पर संकट उत्पन्न करने वाला होता है।

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लंबे चौड़े घोषणाओं के बावजूद आज तक नहीं हो सका है बेगूसराय स्टेशन का कायाकल्प
हालाँकि हाल-फिलहाल में पुणे, अहमदाबाद और बेंगलुरु के लिए ट्रेनों के विस्तार की जानकारी सोशल मीडिया में आया है। किंतु बेगूसराय वासियों के लिए अलग आरक्षण कोटा न होने के कारण बेगूसराय के यात्रियों को अपेक्षित लाभ मिल पायेगा, इसमें संदेह है। स्टेशन की स्थिति भी काफी चिंताजनक है।किसी भी प्लेटफॉर्म पर शौचालय नहीं है, वेटिंग रूम और यात्री सुविधाओं का घोर अभाव है। अपर क्लास वेटिंग रूम केवल नाममात्र का है और स्लीपर क्लास वेटिंग रूम तो है ही नहीं। यह स्थिति रेलवे की छवि और यात्रियों की गरिमा—दोनों पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। प्रधानमंत्री की वर्ल्ड क्लास स्टेशन परियोजना की पहली सूची (2021) में बेगूसराय को सम्मिलित किया गया था और RLDA द्वारा निविदा भी जारी की गई थी। जहाँ अन्य चयनित स्टेशनों पर कार्य प्रारंभ हो चुका है, वहीं बेगूसराय में आज तक कोई प्रगति नहीं हुई। इस विलंब ने जनता में गहरी निराशा और असंतोष उत्पन्न किया है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को 20 सूत्री ज्ञापन सौंपकर की गई है शीघ्र कार्रवाई की मांग 
दैनिक रेल यात्री संघ के महासचिव राजीव कुमार ने मांग किया है कि वर्ल्ड क्लास स्टेशन परियोजना के अंतर्गत बेगूसराय स्टेशन पर शीघ्र कार्य प्रारंभ कराया जाए, बेगूसराय से होकर गुजरने वाली सभी लंबी दूरी की गाड़ियों का यहाँ ठहराव सुनिश्चित किया जाए, महानगरों एवं अन्य प्रमुख शहरों हेतु पर्याप्त, नियमित एवं तेज सीधी रेल सेवाएँ उपलब्ध कराई जाएँ, स्टेशन पर शौचालय, प्रतीक्षालय एवं अन्य सभी यात्री सुविधाओं को राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप अपडेट और अपग्रेड किया जाय, बरौनी–हसनपुर नई रेल लाइन परियोजना का कार्य शीघ्र प्रारंभ कर पूरा किया जाए, बरौनी–मंझौल–रोसड़ा नई रेल लाइन का सर्वे कराकर निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाए, राजेंद्र सेतु एवं श्रीकृष्ण सेतु का समयबद्ध व समुचित रखरखाव सुनिश्चित किया जाए, बढ़ती जनसंख्या और यात्री दबाव को देखते हुए निकटवर्ती शहरों हेतु EMU, नमो भारत एवं इंटरसिटी ट्रेनों की व्यवस्था की जाए, बाघा ओवरब्रिज का पुनर्निर्माण तथा नागदह, सिंघौल, महमदपुर आदि प्रमुख स्थानों पर अंडरपास का निर्माण कराया जाए, पावर हाउस रोड से बाघा तक एनएच-31 एवं रेलवे लाइन पर अंडरपास का निर्माण किया जाए,  ट्रैफिक चौक (लोहिया नगर गुमटी, एनएच-31) पर रेलवे लाइन के आर-पार अंडरपास बनाया जाए, गढ़हरा यार्ड–बीहट रेल मार्ग को पुनर्जीवित कर वैकल्पिक मार्ग के रूप में उपयोग में लाया जाए तथा प्रस्तावित बीहट जंक्शन का नामकरण “रामचरित्र सिंह नगर–बीहट” किया जाए, बेगूसराय–पटना के बीच कार्यालय आवागमन हेतु ऐसी रेल सेवा चलाई जाए, जो सुबह 09 बजे तक पटना पहुँचे तथा शाम 06–08 बजे के बीच पटना से प्रस्थान कर रात 10–11 बजे तक बेगूसराय पहुँच सके, पटना, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, छपरा, जमालपुर, भागलपुर, कटिहार आदि स्टेशनों पर लंबे समय तक खड़ी रहने वाली निष्क्रिय ट्रेनों का विस्तार बेगूसराय/मानसी/कटिहार/सहरसा/बरौनी तक किया जाए, बरौनी–क्यूल होकर कोलकाता व दक्षिण की ओर जाने वाली कुछ ट्रेनों को वाया श्रीकृष्ण सेतु–कटिहार चलाया जाए, सलौना, डॉ. श्रीकृष्ण सिंह नगर–गढ़पुरा, सोनमा–प्राणपुर आदि स्टेशनों को बेगूसराय एवं पटना से सीधी रेल सेवाओं द्वारा जोड़ा जाए, प्रस्तावित वंदे भारत ट्रेन का कम से कम एक ठहराव बेगूसराय जिले में अनिवार्य रूप से दिया जाए, रूट निर्धारण के समय सलौना अथवा बेगूसराय स्टेशन को प्राथमिकता दी जाए, वर्ल्ड क्लास स्टेशन प्रोजेक्ट के दूसरे लिस्ट में शामिल बरौनी जंक्शन पर इस हेतु कार्यारंभ किया जाय, एशिया के सबसे बडे रेलयार्ड- गढहरा यार्ड के दशकों से बेकार पडे लगभग 2,000 एकड जमीन पर रेल से संबंधित विभिन्न उद्योग,  विश्वविद्यालय, रेलवे सुपर स्पेशियेलिटी या एम्स जैसे अस्पताल इत्यादि की स्थापना सुनिश्चित की जाय, बरौनी,समस्तीपुर या खगडिया जंक्शन से  बरौनी-बेगूसराय- खगडिया- हसनपुर- रोसडा- समस्तीपुर- बछवारा- बरौनी के बीच एक जोडी सर्कुलर/ईएमयू रेल सेवा की शुरुआत की जाय । और इसी प्रकार बरौनी या जमालपुर से वाया श्रीकृष्ण सेतू- राजेन्द्र सेतु बरौनी- बेगूसराय हाथीदह- क्यूल- जमालपुर- मुंगेर- सा. कमाल- लखमिनियां के बीच इसी तरह की सेवा की शुरुआत की जाय।

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