रंगमंच: भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और वंशवाद पर तीखा प्रहार करने में सफल रहा नाटक “सैंया भए कोतवाल”

जिम्मेवारीसाहेबपुरकमाल
➡️सुप्रसिद्ध बाबा हरिगिरि धाम परिसर स्थित मंच पर रंग संस्था हुंकार के कलाकारों ने किया मंचन
➡️जिला कला-संस्कृति एवं युवा पदाधिकारी ने की कला और संस्कृति का संरक्षण करने की अपील
समाचार विचार/बेगूसराय: रविवार की रात गढ़पुरा प्रखंड स्थित सुप्रसिद्ध बाबा हरिगिरि धाम परिसर स्थित मंच पर रंग संस्था हुंकार के कलाकारों ने प्रख्यात नाटककार बसंत सबनीस लिखित ” सैया भये कोतवाल” का मंचन किया। संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार सहयोग से मंचित नाटक का निर्देशन गजेन्द्र यादव ने किया। आंचलिक भाषा व नाट्य शैली के संमिश्रण व हास्यपुट के साथ मंचित नाटक का दर्शकों ने खूब लुत्फ उठाया। वहीं कलाकारों ने अपने शानदार अभिनय से न केवल दर्शकों का मन मोह लिया। बल्कि नाटक के कथा सार को संप्रेषित करने में भी सफल रहे। नाटक “सैंया भए कोतवाल” के माध्यम से कलाकारों ने अपने बेहतरीन अभिनय व शानदार अदायगी से व्यंग्य व हास्यपुट के साथ राजनीतिक भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद जातिवाद और वंशवाद पर जमकर कुठाराघात किया।
जिला कला-संस्कृति एवं युवा पदाधिकारी ने की कला और संस्कृति का संरक्षण करने की अपील
जिला कला-संस्कृति एवं युवा पदाधिकारी श्याम सहनी ने कहा कि गांव में ही रंगमंच और कला की आत्मा बसती है। हम और हमारी संस्कृति के कण-कण में कला विद्यमान है। अपनी गौरवशाली कला और संस्कृति का संरक्षण हम सब की जिम्मेदारी है। नाटक के माध्यम से यह दिखाया गया कि राजा अपनी शक्ति एवं सत्ता के दंभ में गलत नीति बनाता है। जिसका दुष्परिणाम आम अवाम को भुगताना पड़ता है। नाटक में दिखाया गया कि कैसे सत्ता प्रधान रिश्तों के चक्कर में पड़ कर अपने साला को कोतवाल बना देता है। जबकि वह अनपढ़ गंवार होता है। राजा की ऐसी ही कमजोरी का फायदा मंत्री, दरबारीगण उठाते हैं। ऐसे राजा व प्रधान को चापलूस लोग पसंद आते हैं। इसी ताना-बाना के साथ कथानक सम-सामयिक राजनीतिक भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, वंशवाद के दुष्परिणाम को दर्शाता हुआ अपने निष्कर्ष पर पहुंचता है।

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आगंतुक अतिथियों और मीडियाकर्मियों को किया गया सम्मानित
राजा की भूमिका में नरेश पासवान, प्रधान की भूमिका में भिखारी, कोतवाल की भूमिका में अजीत, हवलदार की भूमिका में गजेन्द्र, सिपाही की भूमिका में मनीष कुमार व नैनावती की भूमिका में सतीश ने बखूबी अपने पात्र को जीवंत करते नजर आये। संगीत अशर्फी सहनी, राजीव पासवान, रामप्रवेश, सुरेन्द्र की टीम की थी। मंच व मंचन सहयोग संस्था के सचिव कृष्ण कांत गांधी, राजन माधव, मुरारी राजा व स्वीटी का था। इससे पहले मंच का उद्घाटन मुख्य अतिथि जिला कला-संस्कृति एवं युवा पदाधिकारी श्याम सहनी, वरिष्ठ रंग निर्देशक हरिशंकर गुप्ता, अभिजीत मुन्ना, चंदन कुमार सोनू, अजय कुमार भारती, दीपक कुमार, हरिगिरि धाम विकास समिति के सचिव लक्ष्मी नारायण मिश्र सहित उपस्थित अतिथि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। अवसर पर हरिगिरि धाम विकास समिति के द्वारा उपस्थित अतिथियों व मीडिया के प्रतिनिधियों को अंगवस्त्र से सम्मानित किया गया। मौके पर मुखिया प्रतिनिधि जयशंकर यादव, मोती पासवान, मिथिलेश झा सहित सैकड़ों दर्शक मौजूद थे।
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