➡️विजय कुमार चौरसिया ने निगरानी से की थी सीओ के द्वारा घूस मांगने की शिकायत
➡️आईपीएस साक्षी की मौजूदगी में सीओ को जबरन गाड़ी में बिठाकर चलती बनी निगरानी की टीम
➡️पंचायत समिति की बैठक के दौरान सीओ ने अपने बचाव में जारी किया वीडियो
➡️सीओ का पकिया दलाल डाटा ऑपरेटर को भी निगरानी ने किया अरेस्ट
इनसाइड स्टोरी के लिए समाचार विचार के प्रधान संपादक मनीष राज की रिपोर्ट
समाचार विचार/डंडारी/बेगूसराय: आज डंडारी ब्लॉक के सीओ राजीव कुमार की गिरफ्तारी की इनसाइड स्टोरी को पढ़ने से पहले यह जानना आवश्यक होगा कि बिहार की कथित सुशासन की सरकार में भले ही भ्रष्टाचार परवान पर हो, लेकिन नीतीश कुमार की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति का ही नतीजा है कि निगरानी विभाग भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे सरकारी अफसर और कर्मियों पर नकेल कसने में कामयाब होती दिख रही है। इसी कड़ी में बेगूसराय में आज विजिलेंस की टीम ने डंडारी के अंचलाधिकारी राजीव कुमार को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। अंचलाधिकारी के साथ-साथ डेटा ऑपरेटर को भी गिरफ्तार किया गया है।
विजय कुमार चौरसिया ने निगरानी से की थी सीओ के द्वारा घुस मांगने की शिकायत
डंडारी प्रखंड के बांक गांव के निवासी विजय कुमार चौरसिया ने निगरानी विभाग को सूचना दी थी कि उन्होंने अपने तीन भाइयों के बीच जमीन का बंटवारा किया है। जमाबंदी कायम करने और अन्य कागजातों को ठीक करने के एवज में अंचलाधिकारी राजीव कुमार दो लाख रुपए की रिश्वत मांग रहे हैं। पीड़ित की इस शिकायत के बाद जाल बिछाते हुए निगरानी की टीम ने डंडारी ब्लॉक ऑफिस में छापेमारी कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया। जानकारी के मुताबिक, सीओ राजीव कुमार को डेढ़ लाख रुपए लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। इसके साथ ही बिचौलिया का काम करने वाले डेटा एंट्री ऑपरेटर कुंदन कुमार को भी 50 हजार रुपए लेते हुए गिरफ्तार किया गया है।
आईपीएस साक्षी की मौजूदगी में सीओ को जबरन गाड़ी में बिठाकर चलती बनी निगरानी की टीम
निगरानी डीएसपी अरुणोदय पांडेय ने बताया कि विजय कुमार चौरसिया की शिकायत के बाद मामले का सत्यापन कराया गया। इसके बाद निगरानी थाना में मामला दर्ज किया गया। जांच के दौरान निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने डेटा ऑपरेटर और अंचलाधिकारी को 2 लाख रुपए घूस लेते गिरफ्तार किया गया। इस दौरान ब्लॉक प्रमुख तनवीर अहमद सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने सीओ की गिरफ्तारी का घोर विरोध किया, जिसकी सूचना टीम ने जिले के वरीय पदाधिकारी को दी। जिसके बाद मौके पर पहुंची आईपीएस साक्षी की मौजूदगी में सीओ और डाटा ऑपरेटर को निगरानी की टीम गाड़ी में बैठकर अपने साथ लेते चली गई।
पंचायत समिति की बैठक के दौरान सीओ ने अपने बचाव में जारी किया वीडियो
हालांकि, सीओ राजीव कुमार ने पंचायत समिति की बैठक के दौरान आज ही अपनी मौजूदगी का वीडियो बनाते हुए यह कह कर अपना बचाव करते दिखे कि मैं तो बैठक में मौजूद हूं और निगरानी की टीम सदन के बाहर मेरा ट्रैप करने के लिए मौजूद है। लेकिन, उनकी यह दलील काम नहीं आई क्योंकि निगरानी की टीम के पास सीओ के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य मौजूद थे।
इससे पहले बखरी के सीओ थे गिरफ्त में आए राजीव कुमार
बखरी अंचल के पूर्व एवं वर्तमान में डंडारी अंचल में पदस्थापित अंचलाधिकारी राजीव कुमार को दो लाख रुपए घूस लेते रंगे हाथ पकड़ने की सूचना पर बखरी प्रखंड क्षेत्र में सनसनी फैल गई। जैसे ही यह खबर सामने आई, बखरी अनुमंडल, प्रखंड एवं अंचल कार्यालयों में हड़कंप मच गया। सरकारी कर्मचारियों के बीच अफरा-तफरी का माहौल बन गया और हर कोई इस घटना की चर्चा करता नजर आया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, अंचलाधिकारी राजीव कुमार को निगरानी विभाग की टीम ने विशेष छापेमारी अभियान के तहत रिश्वत लेते हुए पकड़ा। बताया जा रहा है कि वे किसी भूमि संबंधी कार्य के एवज में सेवा लाभार्थी से रिश्वत की मांग कर रहे थे। पहले से सतर्क निगरानी टीम ने जाल बिछाकर उन्हें रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।इस कार्रवाई के बाद बखरी अनुमंडल के विभिन्न कार्यालयों में कामकाज के दौरान विशेष सतर्कता देखी जा रही है। आम लोगों में भी इस कार्रवाई को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। लोग प्रशासन से भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।वहीं, इस घटना ने प्रशासनिक अमले में भी खलबली मचा दी है।
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