➡️विजिलेंस टीम की कार्यप्रणाली पर उठाए गंभीर सवाल
➡️डीएम को आवेदन देकर करेगी प्रभावी हस्तक्षेप की मांग
➡️खोदावंदपुर प्रखंड की सीओ हैं प्रीति कुमारी
समाचार विचार/बेगूसराय: बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है कि आखिर क्यों, डंडारी सीओ की गिरफ्तारी से भड़की एक महिला सीओ ने स्ट्राइक का ऐलान कर दिया है। जिले के तमाम प्रखंडों में पदस्थापित किसी अन्य सीओ ने अब तक इस प्रकरण में मुंह नहीं खोला है, लेकिन एक महिला सीओ ने भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किए गए सीओ राजीव कुमार का खुला समर्थन कर निगरानी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आपको जानकारी तो है ही कि डंडारी प्रखंड के बांक गांव निवासी विजय कुमार चौरसिया की लिखित शिकायत के बाद पटना से बेगूसराय पहुंची विजिलेंस की टीम ने डंडारी अंचल कार्यालय परिसर पहुंचकर डंडारी अंचलाधिकारी राजीव कुमार को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्त में आए सीओ पर आरोप लगाया गया कि उन्हें रिश्वत की राशि के साथ गिरफ्तार किया गया है। डंडारी के प्रमुख तनवीर अहमद सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी सीओ की गिरफ्तारी का पुरजोर विरोध किया था, लेकिन हाइवोल्टेज ड्रामा के उपरांत सीओ के साथ अंचल कार्यालय डंडारी के डाटा ऑपरेटर को भी गिरफ्तार किया गया है। इस गिरफ्तारी के बाद जहां प्रशासनिक हलकों में हलचल मच गई है, वहीं अब इस प्रकरण पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं।
खोदावंदपुर की सीओ प्रीति कुमारी ने किया स्ट्राइक का ऐलान
खोदावंदपुर प्रखंड की अंचलाधिकारी प्रीति कुमारी ने विजिलेंस टीम की इस कार्रवाई पर खुलकर विरोध जताया है। उन्होंने कहा है कि विजिलेंस ने पूरे मामले में सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया। अगर अंचलाधिकारी राजीव कुमार को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा जाता, तो कार्रवाई न्यायसंगत मानी जाती, लेकिन केवल कॉल पर हुई बातचीत के आधार पर गिरफ्तारी करना गलत है। सीओ प्रीति कुमारी ने तकनीकी पहलुओं का हवाला देते हुए कहा कि आजकल एआई और आधुनिक तकनीक के जरिए किसी भी व्यक्ति की आवाज को आसानी से बदलकर कॉल किया जा सकता है। ऐसे में केवल फोन पर रिश्वत मांगने की शिकायत को आधार बनाना निष्पक्ष जांच प्रक्रिया पर सवाल खड़े करता है। उन्होंने कहा, “डंडारी सीओ की गिरफ्तारी में पारदर्शिता नहीं दिख रही है। विजिलेंस को कानूनी प्रक्रिया और ठोस सबूतों के आधार पर कार्रवाई करनी चाहिए थी।”
डीएम को आवेदन देकर करेगी प्रभावी हस्तक्षेप की मांग
सीओ प्रीति कुमारी ने समाचार विचार को बताया कि खोदावंदपुर प्रखंड प्रशासन इस मामले में बेगूसराय डीएम को लिखित आवेदन सौंपेगा। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो वे अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर हड़ताल पर जाने को भी बाध्य होंगी। इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल प्रशासनिक गलियारों में चर्चा छेड़ दी है बल्कि विजिलेंस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि, हमने इस मामले में अन्य अंचलाधिकारियों से भी बात की तो कई एक ने निगरानी की इस कार्रवाई का खुलकर विरोध तो नहीं किया लेकिन निगरानी की कार्यप्रणाली पर सवाल जरूर उठाए। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि एक महिला सीओ के द्वारा निगरानी का खुलेआम विरोध और आंदोलन की चेतावनी क्या गुल खिलाता है। विदित हो कि सीओ राजीव कुमार पहले बेगूसराय जिले के बखरी प्रखंड में सीओ के रूप में पदस्थापित थे। उनकी गिरफ्तारी के बाद पूरे जिले में चर्चाओं का बाजार गर्म है। लोग निगरानी की इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के विरुद्ध अत्यंत आवश्यक कदम बता रहे हैं, जबकि एक महिला सीओ खुलेआम निगरानी की पूरी टीम की कार्यप्रणाली पर ही सवाल उठाकर इस मुद्दे को चर्चा का विषय बना दिया है।
Begusarai Locals

One Response
इस भ्रष्टाचारी अधिकारी को बचाव मे आना, इन मैडम को शोभा नही देता। इस से जाहिर होता है कि ये भी भ्रष्टाचार मे सम्मिलित है। हर एक प्रखंड के CO का यही हाल है,जनता करे तो क्या करे ?कोई भाई साहब आगे आये है,तो उनका समर्थन करना चाहिए।